वहीं दूसरी ओर पंजीकरण के बिना विभिन्न अस्पताल पहुंचने वाले तीसरे चरण के कई लाभान्वितों को खाली हाथ लौटना पड़ा। टीकाकरण अभियान देर से प्रारंभ होने के कारण भी कई लोग टीका लगवाए बिना ही लौट गए।
अंतरिक्ष विज्ञानी रंगनाथ नवलगुंड ने सोमवार को हेब्बाल स्थिति एस्टर सीएमआइ अस्पताल में टीकाकरण के लिए लंबा इंतजार किया। इंतजार के कई घंटों बाद उन्हें बताया गया कि कोविन ऐप पर पंजीकरण नहीं कराने के कारण फिलहाल उनका टीकाकरण नहीं हो सकेगा।
नवलगुंड ने बताया कि उन्होंने पंजीकरण का प्रयास किया था। लेकिन, टीकाकरण स्थल चुन नहीं सके। इसलिए टीकाकरण के लिए वे सीधे अस्पताल पहुंच गए। बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के अधिकारी दोपहर करीब दो बजे अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि भीड़ बढऩे की आशंका के कारण टीकाकरण के पहले एक सप्ताह तक पंजीकरण करा चुके लोगों का ही टीकाकरण होगा।
अपने माता-पिता को टीकाकरण के लिए लेकर पहुंचे सॉफ्टवेयर इंजीनियर सिद्धार्त ने बताया कि आधे दिन की छुट्टी लेकर वे अस्पताल आए थे।
50 लाभान्वितों के साथ दो घंटे से भी ज्यादा समय से इंतजार कर रहे के. शंकर ने कहा कि अभियान से पहले सरकार को पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थे। शुरुआत के हालात आगे भी बने रहने से लोगों को परेशानी होगी।
दोपहर 12 बजे से पहले वैक्सीन नहीं पहुंची
वैक्सीन की आपूर्ति में देरी सहित तकनीकी खामियों के कारण मणिपाल अस्पताल में भी लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। दोपहर 12 बजे से पहले वैक्सीन नहीं पहुंची। कोविन ऐप के भी क्रैश होने से कुछ समय के लिए परेशानी और बढ़ गई। अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. सुदर्शन बल्लान ने कहा कि इतने बड़े अभियान में तकनीकी समस्याएं आम हैं। हताहत होने की जरूरत नहीं है।
विक्रम अस्पताल के प्रबंध निदेशक सोमेश मित्तल ने बताया कि ऐप के क्रैश होने से देर दोपहर तक भी टीकाकरण शुरू नहीं हो सका।
टीकाकरण के लिए पंजीकृत कई निजी व सरकारी अस्पतालों में सोमवार को टीकाकरण शुरू नहीं हो सका। अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे सरकारी दिशा-निर्देश के इंतजार में है। प्रक्रिया पर स्पष्टता की प्रतीक्षा भी है।
पंजीकरण के बाद ही टीकाकरण
के. सी. जनरल सरकारी अस्पताल के बाहर कई वरिष्ठ नागरिक टीका लगवाए बिना ही लौटने पर मजबूर हो गए। अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. लक्ष्मीपति ने बताया कि पंजीकरण के बाद ही टीकाकरण होगा। टीकाकरण केंद्र पर सीधे पंजीकरण का प्रावधान है लेकिन इसके लिए कुछ सप्ताह तक इंतजार करना होगा।
वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को धन्यवाद
अस्पताल में टीकाकरण के लिए इंतजार कर रहे एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि करीब एक वर्ष के इंतजार के बाद वैक्सीन उपलब्ध हुई है। इसके लिए वे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को धन्यवाद देते हैं। टीके के लिए करीब दो घंटे से इंतजार कर रहा हूं। स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि वेब पोर्टल काम नहीं कर रहा है। एक अन्य नागरिक ने कहा कि समय के साथ समस्या का समाधान होने की उम्मीद है। नागरिकों को चाहिए कि सरकार का साथ दें।