मंगलवार को सुबह जब स्मार्ट सिटी परियोजना व खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी स्वीस कंपनी 2000 वाट कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपना प्रस्तुतिकरण पेश किया तो मुख्यमंत्री ने किसानों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में गहरी रुचि दिखाई ताकि किसानों की आत्महत्याओं की प्रविृति पर स्वत: ही रोक लगाई जा सके। उन्होंने निवेशकों से किसानों व ग्रामीणजन के आर्थिक विकास पर बल देने को कहा।
येडियूरप्पा ने कहा कि जो कुछ हम कर रहे हैं और जिस लक्ष्य के साथ हम यहां पर जुटे हैं उसमें किसानों का विकास व ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमारी उच्च वरीयता होनी चाहिए। नश्चित रूप से हम नई परियोजनाएं व निवेश चाहते हैं पर हमारा मकसद राज्य की अर्थव्यवस्था को बढाना और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाना है।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से कृषि उत्पादों को मूल्य संवद्र्धन पर जोर दिया ताकि किसानों व अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने 2000 वाट कंपनी के ग्रामीण इलाकों में खाद्य क्लस्टरों के विकास में गहरी रुचि दिखाई।
इससे पहले इस कंपनी के प्रतिनिधियों ने इस मसले पर अपनी परिकल्पना पेश करते हुए इस बात का खुलासा किया कि उनके पास एक तकनीक है और वे खाद्य क्लस्टरों में निवेश करने को तैयार हैं ताकि किसानों को उनके कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य दिलाया जा सके। वैज्ञानिक व शिक्षाविद एंड्रियास बिनकर्ट ने कर्नाटक में फूड क्लस्टरों में निवेश करने की कंपनी की इच्छा को प्रदर्शित करते हुए कहा कि हम स्वास्थ्यप्रद खाद्य उत्पादन के लिए हर तरह की सहायता व वैज्ञानिक कृषि तकनीकें उपलब्ध करवाएंगे और मूल्य संवद्र्धन करके उत्पादों का विपणन करेंगे।
कंपनी के संस्थापक शाजेदार माधव भगत ने मुख्यमंत्री येडियूरप्पा व उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टर को 2000 वाट कंपनी की स्मार्ट सिटी की नई परिकल्पना की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम कार्बन न्यूट्रल स्मार्ट टाऊनशिप विकास परियोजनाओं के विशेषज्ञ हैं और हमने पहले ही पुणे महानगरीय क्षेेत्र विकास प्राधिकरण के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर कर रखे है।
इससे पहले रीन्यू पावर के प्रतिभागियों ने राज्य में बंजर भूमि में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करने में रुचि दिखाई। कंपनी ने विशेष रूप से प्रदेश के विजयपुर, कलबुर्गी, रायचूर, कोप्पल तथा यादगीर जिलों में ऐसे संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव किया। रीन्यू पावर के सीईओ सामन्त सिन्हा ने कहा कि हम राज्य की मांग से अतिरिक्त ऊर्जा को स्टोर करने के लिए ऊर्जा स्टोरेज बैटरियां व गेजेट्स लगाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से व्यवसाय को आसान बनाने के लिए तमाम नौकरशाही व कानूनी अड़चनों को दूर करने का सुझाव दिया।
विभिन्न कंपनियों के अधिकतर प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री येडियूरप्पा व राज्य के अन्य प्रतिभागियों के साथ व्यवसाय को आसान बनाने के लिए किसानों से भूमि खरीदने की प्रक्रिया पर विचार विमर्श किया और कहा कि यह तभी हो सकता है जब कुछ अनचाहे कानूनों को या तो खत्म कर दिया जाए या संशोधित कर दिया जाए। सभी निवेशकों के साथ चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बदले में अधिक संख्या में रोजगार के अवसर सृजित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे किसानों व ग्रामीण युवाओं के हितों का ख्याल रखने वाले निवेशकों व उद्योगों को मदद करने के लिए वे एक मील अतिरिक्त चलने के लिए तैयार हैं।
बैठकों के दौरान उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टर, मुख्य सचिव टी.एम. विजय भास्कर, आईटी-बीटी सचिव रमणरेड्डी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव गौरव गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव सेल्वकुमार तथा उद्योग आयुक्त गुंजन कृष्णा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।