क्रू एस्केप सिस्टम परीक्षण की तैयारी में इसरो
बैंगलोरPublished: Mar 01, 2020 10:31:14 am
आपात स्थिति से अंतरिक्षयात्रियों को बचाने की प्रणालीइसरो ने तैयार यिा नए प्रकार का वाहन
क्रू एस्केप सिस्टम परीक्षण की तैयारी में इसरो
बेंगलूरु.
मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए जहां तीन अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण रूस में चल रहा है वहीं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) कू्र एस्केप सिस्टम (अंतरिक्ष यात्रियों की बचाव प्रणाली) के महत्वपूर्ण परीक्षण की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नए प्रकार का वाहन तैयार किया गया है।
इसरो अध्यक्ष के.शिवन के मुताबिक इस क्रू एस्केप सिस्टम के परीक्षण के लिए नया वाहन तैयार है। गगनयान मिशन पूरी तरह त्रुटिहीन रहे और आपात स्थिति से अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने के लिए तमाम प्रणालियां तैयार रहे इसके लिए परीक्षणों की श्रृंखला शुरू की जाएगी। इनमें कू्र एस्केप सिस्टम का परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान या अंतरिक्ष में रहते हुए किसी भी आपात स्थिति से अंतरिक्षयात्रियों को सुरक्षित निकालने और पुन: धरती पर वापस लाने की प्रणाली है। इससे पहले इसरो ने पैड एबॉड टेस्ट किया था जो मिशन लांच करते समय आपात स्थिति से अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रणाली है।
पैराशूट लैंडिंग का भी होगा परीक्षण
इसरो अधिकारी के मुताबिक नया परीक्षण वाहन अंतरिक्षयात्रियों को उड़ान के दौरान आपात स्थिति से बचाने के लिए है। इस वाहन में प्रणोदन प्रणाली कू्र मॉड्यूल के ऊपर रहेगा। अगर आपात स्थिति उत्पन्न होती है तो यह प्रणाली कू्र मॉड्यूल को और ऊपर सुरक्षित जगह ले जाएगा और फिर उन्हें वापस ले आएगा। इसके अलावा इसरो एक अन्य महत्वपूर्ण पैराशूट लैंडिंग प्रक्रिया का परीक्षण इस साल करेगा। यह भी काफी जटिल परीक्षण है। उधर, रूस में अंतरिक्ष यात्रियों को भी आपात लैंडिंग जैसी स्थिति से निपटने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। अंतरिक्ष यात्री इस तरह से प्रशिक्षित होंगे कि किसी भी भौगोलिक क्षेत्र या जलवायु में खुद को बचा सकें।
मानव रेटिंग को लेकर गतिविधियां तेज
उधर, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) में जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट को मानव मिशन के योग्य बनाने से जुड़ी गतिविधियां प्रगति पर है। एलपीएससी को अगस्त-सित बर तक जीएसएलवी मार्क-3 को सैद्धांतिक रूप से हर मानदंडों पर तैयार रखने के लिए कहा गया है। इसरो अधिकारियों के मुताबिक जीएसएलवी रॉकेट के ठोस चरण एस-200, तरल चरण एल-110 और क्रायोजेनिक चरण सी-20 की प्रणोदन प्रणाली में भी कुछ बदलाव किया जा रहा है। इसरो को मानव रहित मिशन लांच करने से पहले ही यह सारी तैयारियां पूरी कर लेनी है।