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मेडिकल सीटें दिलाने का झांसा देकर करोड़ों ठगे

locationबैंगलोरPublished: Sep 30, 2018 08:37:13 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

दो युवतियों समेत छह गिरफ्तार

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मेडिकल सीटें दिलाने का झांसा देकर करोड़ों ठगे

बेंगलूरु. मडिवाल पुलिस ने विदेश में मेडिकल सीटें दिलाने के बहाने दो सौ से अधिक युवकों से कई करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो युवतियों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान बापूजी नगर के शाइस्ता सुमन (25), आंध्र प्रदेश के ओंगल के दिलीप (28), एडुकोन्डलू (54), ओल्ड गुड्डदाहल्ली के आईशा बानो (25), सुद्दागुन्टेपाल्या के रंगानायकलू (30) और इशाक पाशा (28) के तौर पर की गई है।
प्रमुख आरोपी जमीर, गोपी, वेंकट राव और उसकी पत्नी निखिला विदेश फरार होगए है और पुलिस उन्हे गिरफ्तार करने हर संभव प्रयास कर रही है। पुलिस के अनुसार विदेशों के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मेडिकल सीट दिलाने के नाम पर आंध्र प्रदेश के गोपाल वेंकटराव और दिलीप कुमार ने साल 2011 में नार्थ अमेरिकन सर्विसज सेंटर (एनएएससी) नामक एक कंसल्टेंसी कंपनी स्थापित की थी। इसकी शाखाएं बेंगलूरु, चेन्नई, हैदराबाद, तिरुपति और कोयम्बटूर के अलावा कई अन्य शहरों में खेली गईं।
कंपनी के खिलाफ चेन्नई मे कई मामले दर्ज होने के बाद इसका नाम और शाखाओं को बदल कर मेडिकल टीचर्स रूट्स वल्र्ड और यू-कैन एजुकेशन नामक कंसल्टेेंसी कंपनियों के रूप में काम करना शुरू कर दिया। कंपनी ने 300 से अधिक छात्रों से लगभग 25 करोड़ रुपए लेकर सही शिक्षा व्यवस्था के बैगर चल रहे वाशिंगटन यूनिवर्सिटी ऑफ बारबेडस (गयाना), एलेक्जेंडर यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरीका, तियांजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी चीन समेत अन्य विदेशी विश्वविद्यालयों में मेडिकल सीट दिलाने केबहाने धोखा दिया था।
इस सिलसिले में मडिवाल और आडुगोडी के अलावा चेन्नई पुलिस थाने में धोखाधड़ी के मामले दर्ज कराए गए। इस सिलसिले में पुलिस ने छह आरोपियो को गिरफ्तार कर कार्यालयों से काफी सामान और दस्तावेज जब्त किए।
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कई विवि ने नहीं मनाया सर्जिकल स्ट्राइक डे
बेंगलूरु. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों व उच्चतर शिक्षा संस्थानों को शनिवार को सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने के निर्देश दिए थे। लेकिन प्रदेश के कुछ विश्वविद्यालयों ने निर्देश को प्राथमिकता दी तो कई ने इसका पालन नहीं किया।
इस दिवस को मनाने को लेकर प्रदेश के विवि पहले से ही बंटे हुए थे। बेंगलूरु उत्तर विवि, रानी चेनम्मा विवि और विश्वेश्वरैय्या प्रौद्योगिकी विवि ने यह दिवस नहीं मनाया और किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया। कुछ विश्वविद्यालयों के अधिकारियों के अनुसार यूजीसी से इस संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं मिली, जबकि कुछ विवि के प्रबंधकों के अनुसार दिशा-निर्देश देर से मिली।
बेंगलूरु विवि ने सशस्त्र बलों के सम्मान में तीन मिनट का मौन रखा। एनएसएस स्वयंसेवकों ने देशभक्ति गीत गा सशस्त्र बलों को अपना समर्थन दिया। जबकि मेंगलूरु विवि के विद्यार्थियों ने भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर सेना की गौरव गाथा को बयां किया। एक विवि के कुलपति ने कहा कि सशस्त्र बलों का सम्मान करना जरूरी है लेकिन इसके लिए सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाना उचित नहीं है।
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