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कोरोना : मृतकों की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का हो सम्मान

locationबैंगलोरPublished: Aug 08, 2020 09:54:00 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– विशेष मामलों में ही ऑटोप्सी

कोरोना : मृतकों की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का हो सम्मान

death due to corona

बेंगलूरु. कोविड मरीजों के मौत के बाद विशेष परिस्थितियों में ही ऑटोप्सी के निर्देश दिए गए हैं वो भी सुरक्षा मानकों के साथ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा निदेशालय की ओर से शुक्रवार को जारी संशोधित निर्देशों के अनुसार सीमित फॉरेन्सिक विशेष व सहायक कर्मचारी ऑटोप्सी में शामिल होंगे।

निदेशालय ने मृतकों के सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं की गरीमा की रक्षा (cultural and religious traditions of the dead should be respected) पर जोर दिया है। शवों को आनन फानन में दफनाया या जलाया नहीं जाए। कोविड से मौत की आशंका होने पर मौत के छह घंटे के भीतर जांच के लिए स्वाब भेजे जाए।

साफ-सुथरे, पारदर्शी और लीक प्रूफ चेन वाले बैग में शव को रख परिजनों को पूरे सम्मान के साथ सौंपा जाए। 20 से अधिक लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हों। बैग के चेहरे के छोर को खोलकर शरीर को देखने की अनुमती होगी। शव को स्नान कराने या गले लगाने से बचने की सलाह दी गई है। कोरोना वायरस सतह पर रह सकता है इसलिए शव के संपर्क में आए हर सतह को अच्छी तरह से विसंक्रमित किया जाए।

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