इस तरह की सर्जरी में एक तरफ की हड्डी को काट कर बोन ट्यूमर (Bone Tumor) को बाहर निकाल दिया जाता है। इसके बाद घाव को करीब 20 मिनट तक लिक्विड नाइट्रोजन डालकर माइनस 195 डिग्री पर फ्रीज किया जाता है। इससे कैंसरयुक्त कोशिकाएं मर जाती हैं। फिर काटी गई हड्डी को जोड़कर घाव को बंद कर दिया जाता है। यह सबकुछ तेजी से करना पड़ता है। संक्रमण की संभावना बेहद कम होती है।
नारायण हेल्थ सिटी के कैंसर (Cancer) रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन बी. ने बताया कि करीब एक वर्ष पहले मरीज सयंतिका मंडोल बाएं पांव में सूजन और दर्द की शिकायत लेकर आई थीं। जांच में इविंग सारकोमा की पुष्टि हुई। उम्र कम होने के कारण पेडिकल क्रायोथेरेपी के इस्तमाल का निर्णय लिया। सर्जरी के बाद करीब पांच माह महीने तक कीमोथेरेपी (Chemotherapy) की प्रक्रिया चली।