रेंज वन अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि हाथी जिस भूमि पर मृत मिला उसके मालिक प्रभु कुमार ने जंगली सूअरों से फसल बचाने के लिए पास के बिजली के खंबे से बिजली का तार खींच रखा था। संभवत: गुरुवार देर रात आसपास के खेतों से जंगल की ओर लौट रहा हाथी इस तार से छू गया हो। घटना के बाद से प्रभु फरार है। भागने से पहले उसने तार हटा दिया है। वन्यजीव अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
घटना स्थल के पास का पारंपरिक हाथी गलियारा बन्नेरघट्टा नेशनल पार्क को सवनदुर्गा से जोड़ता है। तेजी से शहरीकरण के कारण इस क्षेत्र में मानव-हाथी भिड़ंत आम होती जा रही है। वर्ष २०१६ के अक्टूबर में ग्रामीणों ने हाथी सिद्धा को गोली मार दी थी। करीब डेढ़ माह के उपचार के बाद दिसम्बर में उसकी मौत हो गई थी।
जम्बो सवारी प्रशिक्षण के लिए गजराज ने बढ़ाए कदम
मैसूरु. स्वर्ण हौदा लेकर चलने वाले हाथी अर्जुन के नेतृत्व में शुक्रवार को मैसूरु की सडक़ पर इस वर्ष पहली बार हाथियों का जत्था जम्बो सवारी मार्ग पर अपने प्रशिक्षण के लिए निकला। दशहरा महोत्सव के दौरान जम्बो सवारी के लिए मार्ग निर्धारित है और हाथियों को शहर की आबोहवा के अनुरूप ढालने एवं महोत्सव के रास्ते से भलीभांति परिचित कराने के लिए प्रतिदिन उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।
हाथियों ने सुबह ७.१५ बजे मैसूरु महल परिसर से कूच किया। महल के बलराम द्वार (उत्तरी द्वार) से सभी छह हाथी बाहर आए और केआर सर्कल, सय्याजी राव रोड, सरकारी आयुर्वेदिक हॉस्पिटल सर्कल, ओल्ड आरएमसी सर्कल, बम्बू बाजार, मौलाना अब्दुल कलाम सर्कल से होते हुए सुबह करीब ८.३० बजे बन्नीमंटप स्थित टार्च लाइट परेड ग्राउंड पहुंचे।
प्रशिक्षण यात्रा के पहले दिन हाथियों ने एक बार आरएमसी सर्कल के समीप तीन मिनट की अवधि का अल्प विश्राम किया, जबकि हाथियों के साथ चल रहे महावतों और सहायकों सहित अन्य लोगों ने उस दौरान चाय की चुस्की ली और फिर सभी आगे बढ़ गए।
वहीं टॉर्च लाइड परेड ग्राउंड पहुंचकर महावतों, सहायकों एवं अन्य लोगों ने नाश्ता किया, जबकि हाथियों ने वहां निर्मित अस्थायी जलाशया में प्यास बुझाई। इस दौरान हाथियों को चारा और अन्य प्रकार के आहार दिए गए जो हाथियों के साथ चल रहे वाहन में लादकर लाए गए थे। प्रशिक्षण मार्ग पर हाथियों का सफर व्यवधान रहित हो, इसके लिए पुलिस ने विशेष व्यवस्था की।