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कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला नहीं बदलेगा : महादेवी

locationबैंगलोरPublished: Apr 17, 2018 05:04:02 am

विधानसभा चुनाव में विश्व लिंगायत परिषद की ओर से कांग्रेस को समर्थन को लेकर दिए गए बयान पर मैं कायम हूंं।

माते महादेवी

बेंगलूरु. विधानसभा चुनाव में विश्व लिंगायत परिषद की ओर से कांग्रेस को समर्थन को लेकर दिए गए बयान पर मैं कायम हूंं। बयान वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है। बसव पीठ की प्रमुख माते महादेवी यह बात कही।


उन्होंने सोमवार को यहां कहा कि चुनाव मैदान में कांग्रेस-भाजपा तथा जद (ध) के बीच संघर्ष है। विश्व लिंगायत परिषद ने लिंगायतों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा देने की मांग को लेकर कई बार भाजपा को अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। लेकिन अभी तक भाजपा ने इस मामले में चुप्पी नहीं तोड़ी है।

हाल में इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वीरशैव समुदाय के मठ प्रमुख्रों को लिंगायत समुदाय की इस मांग का समर्थन नहीं देने की बात की है। ऐसे में केवल कांग्रेस ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने लिंगायत समुदाय की इस बहुप्रतीक्षित मांग का समर्थन करते हुए मंत्रिमंडल में ऐसा प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का काम किया है।

इसलिए अगले विधानसभा चुनाव में विश्व लिंगायत परिषद के सामने कांग्रेस का समर्थन करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। जनता दल (ध) के नेता तथा विश्व लिंगायत महासभा के अध्यक्ष बसवराज होरट्टी की इस बयान को लेकर नाराजगी तथा महासभा के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की चेतावनी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गणतंत्र में हर एक को अपना विचार रखने का अधिकार है तथा मै इस अधिकार का सम्मान करती हृूं।

कांग्रेस के कुशासन के कारण सत्ता में आएगी भाजपा : राव
भाजपा के चुनाव प्रभारी मुरलीधर राव ने सोमवार को कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान सत्तारुढ़ कांग्रेस के कुशासन के कारण राज्य में कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और यह भाजपा को आसानी से राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने में मदद करेगा।


प्रेस क्लब ऑफ बेंगलूरु और बेंगलूरु रिपोर्टर्स गिल्ड की ओर से आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में राव ने कहा कि भाजपा अपने लक्ष्य के अनुसार १५० सीट जीत कर सत्ता में वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक का चुनाव ऐतिहासिक होगा क्योंकि यह वर्ष-२०१४ की भांति ही वर्ष-2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को दोबारा केंद्र की सत्ता में बनाए रखने के लिए एक आधार देगा।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या एक हताश आदमी बन चुके हैं क्योंकि उन्हें एहसास हो चुका है कि कांग्रेस इस चुनाव में हार जाएगी। पिछले एक साल में सिद्धरामय्या ने कई अवांछित चालें चली हैं जबकि वे पिछले चार साल तक इन मुद्दों पर चुप रहे। इसी क्रम में अब वे वीरशैव-लिंगायत समुदाय को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं।


साम्प्रदायिक तत्वों को कांग्रेस का समर्थन
उन्होंने कहा कि जनता गुस्से में है क्योंकि कांग्रेस ने एसडीपीआई और पीएफआई जैसे सांप्रदायिक संगठनों से हाथ मिलाया जो राज्य में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और आतंक की घटनाओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह के तत्वों को समर्थन देना बेहद निराशाजनक है क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की उम्मीद खो दी है। उन्होंने कहा कि राज नेता धर्मस्थलों का राजनीतिकरण कर रहे हैं। राव ने कहा कि अगर भाजपा राज्य में सत्तारूढ़ होती है तो वह धार्मिक संस्थानों को पूर्ण स्वायत्ता प्रदान करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि उनके संचालन में सरकार की दखलंदाजी न हो।

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