इस बार के बजट में शहर में हेलीपैड का निर्माण, वाई-फाई जोन, बस स्टेशन, वुडन स्काइवॉक, वर्षाजल संचयन प्रणाली की स्थापना, मेयर और आयुक्त के लिए बंगला निर्माण, जन स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर प्रमुखता से ध्यान आदि प्रमुख कार्यक्रम हैं,जिनकी घोषणा २८ फरवरी को बजट में की गई थी। हालांकि बीबीएमपी ने इन घोषणा में सिर्फ एक ही योजना को त्वरित रूप से साकार करने में स्फूर्ति दिखाई थी जो पार्षदों को आई-पैड (टेबलेट) वितरण था। घोषणा के मात्र ४८ घंटों के भीतर इसे कार्यान्वित कर बीबीएमपी ने एक अनोखा इतिहास रचा था। शहरी विशेषज्ञों का कहना है कि शहर का बजट बहुत महत्वपूर्ण है और इसे जल्दी से लागू करने की आवश्यकता है। अधिकारियों को पता था कि चुनाव आ रहे हैं और तुरंत बजट को मंजूरी देनी चाहिए। बजट धन का आधा राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है। बावजूद इसके इसमें देरी की गई।
जानकारों के अनुसार बजट एक वार्षिक योजना है, लेकिन चुनावों के कारण, नागरिक जरूरतों से जुड़े मुद्दों को अधिकारियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकार के बीच समन्वय की कमी के कारण बजट स्वीकृति को लटका दिया गया। गौरतलब है कि वर्ष 2013 के दौरान भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी। उस वर्ष भी विधानसभा चुनाव होने के कारण ठेकेदारों के बिलों का भुगतान लटका दिया गया था जिस कारण ठेकेदारों को प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा था।