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जाली बिल देने वालों पर कार्रवाई की मांग

locationबैंगलोरPublished: Jun 29, 2018 07:00:52 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

भाजपा पार्षद उमेश रेड्डी और कांग्रेस के सदस्य मंजुनाथ रेड्डी ने कहा कि हर एक वार्ड के लिए दो ऑटो सिप्पर की जरूरत है

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जाली बिल देने वालों पर कार्रवाई की मांग

बेंगलूरु. पालिका की मासिक बैठक में पार्षदों ने एकजुट होकर कचरा निस्तारण में लगे ऑटो सिप्पर और कांपैक्टर के लिए जाली बिल देकर पालिका को धेखा दे रहे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
भाजपा पार्षद उमेश रेड्डी और कांग्रेस के सदस्य मंजुनाथ रेड्डी ने कहा कि हर एक वार्ड के लिए दो ऑटो सिप्पर की जरूरत है और 198 वार्ड के लिए कम से कम 200 ऑटो सिप्पर की जरूरत है। पालिका को झूठी जानकारी और अन्य विवरण देकर पांच हजार आटो सिप्पर के बिल पेश किए जाते हैं। जिससे पालिका को हर साल करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
इस भ्रष्चाटार से नागरिक पार्षदों को संदेह की निगाह से देखने लगे है। बोगस बिलों से लाखों रुपए लूट रहे लोगों का पता लगा कर उन्हें गिरफ्तार करने और फौजदारी मामले दर्ज करने की जरूरत है। इस मामले पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाने की मांग की गई।
महापौर संपतराज ने तहा कि पालिका की विभिन्न स्थाई समितियों के सदस्यों के अधिकारों की सीमा से संबंधित उप समिति गठित की जोगी। इस समिति से रिपोर्ट मिलने के बाद बैठक में चर्चा होगी। इसे सरकार को भेज कर अनुमति प्राप्त करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। पालिका के नेता प्रतिपक्ष पद्मनाभ रेड्डी ने कहा कि पार्षद और पालिका के अधिकारी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
दोनों को एक दूसरे का सहयोग कर काम करने की जरूरत है। पार्षदों और स्थाई समिति के सदस्यों के अधिकार क्या हैं, यह बात उनकी समझ से बाहर है। पार्षदों और समितियों के सदस्यों केअधिकार पर चर्चा करने की जरूरत है। अधिकार प्राप्त करने के लिए कानून में संशोध्र करने की जरूरत है।
महापौर संपतराज ने कहा कि समितियो के सदस्यों के अधिकारों पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है। सभी सदस्यों की अवधि दो माह बाद खत्म हो जाएगी। नए सदस्य बनने के बाद अधिकारों पर चर्चा होगी। लेखापत्र स्थाई समिति गठित हुए एक साल हो गया और अभी तक समिति की एक बैठक भी नहीं हुई।
इस समिति को हर माह बैठक कर पालिका को हिसाब देना चाहिए लेकिन अभी तक समिति ने कोई हिसाब किताब ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि लेखा समिति पालिका में भ्रष्टाचार का पता लगाने मे विफल रही है। इसलिए इस समिति को भंग कर नई समिति बनाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि समिति की अवधि भी एक माह में खत्म होगी। नई समिति के लिए चुनाव कराए जाएंगे।
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