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सरकारी स्कूलों में दाखिले की आयु सीमा घटाने की मांग

locationबैंगलोरPublished: May 22, 2018 04:30:37 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

पहली में दाखिले की न्यूनतम आयु सीमा पांच साल 10 महीने करने पर असहमति

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सरकारी स्कूलों में दाखिले की आयु सीमा घटाने की मांग

बेंगलूरु. कर्नाटक राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग को सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा और प्री-प्राथमिक अनुभाग में पांच साल के बच्चों के प्रवेश का प्रस्ताव दिया है।

पहली कक्षा में दाखिले को लेकर इस वर्ष से आयु संबंधी हुए बदलाव के कारण संघ ने यह प्रस्ताव दिया है। वर्ष 2016-17 तक सरकारी स्कूलों में पांच साल पांच महीने के बच्चों का पहली कक्षा में दाखिला होता था, लेकिन इस वर्ष से हुए आयु संबंधी बदलाव के कारण अब पंाच साल 10 महीने के बच्चों का दाखिला पहली कक्षा में होगा।
संघ ने कहा है कि इस नीति के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले की संख्या में बड़े स्तर पर कमी आ सकती है। संघ ने कहा है कि पांच वर्ष से ज्यादा के बच्चों को आंगनवाड़ी में नहीं भेजा जा सकता है। ऐसे में अगर उन बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा में नहीं होगा तो अभिभावक मजबूरन उनका दाखिला निजी विद्यालयों में कराएंगे। इसके अतिरिक्त जो अभिभावक बच्चों को निजी विद्यालय में पढ़ाने में सक्षम नहीं होंगे उनके बच्चे बाल श्रमिक बन सकते हैं। इसी कारण संघ ने आयु संबंधी बदलाव करने की मांग की है और पहली कक्षा में दाखिले की आयु सीमा पांच वर्ष निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है।

नया मंत्री आने पर होगा फैसला
इस बीच विभाग का कहना है कि राज्य में नई सरकार गठन होने के बाद जब विभाग में मंत्री आएंगे, उसके बाद ही इस मांग पर कोई निर्णय लिया जा सकता है क्योंकि नियमों के अनुसार विभाग अपने स्तर से सीधे तौर पर कोई निर्णय नहीं ले सकता है।

नर्सरी से यूकेजी तक कक्षाएं सरकारी स्कूलों में भी लगाएं
सरकारी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाएं संचालित नहीं होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी के बजाए निजी स्कूलों में दाखिला देते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे बाद में भी निजी स्कूलों में ही पढ़ाई करते हैं। संघ ने सुझाव दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी से लेकर यूकेजी तक की कक्षाएं संचालित हों। इससे न सिर्फ सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी बल्कि सरकारी स्कूल भी निजी स्कूलों को चुनौती देेने में सक्षम हो जाएंगे।
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