कर्नाटक मेें खुदाई मेें निकली जैन प्रतिमाएं समाज को सौंपने की मांंग
- विहार धाम के लिए राज्य सरकार देगी अनुदान
- महासंघ पदाधिकारियों ने की मंत्री से भेंट

बेंगलूरु. अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ के शिष्टमंडल ने राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्रीमंत पाटिल से भेंट कर राज्य में विभिन्न स्थलों पर खुदाई के दौरान मिली जैन तीर्थंकरों और देवों की प्रतिमाएं पूजा-अर्चना के लिए समाज को हस्तांतरित करने की मांग की।
महासंघ ने मंत्री को दिए ज्ञापन में कहा कि यदि मूर्तियां सरकार के कब्जे में भी हैं तो उनकी पूजा-अर्चना का अधिकार जैन समाज को दिया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि जैन संतों-देवों की मूर्तियों की पूजा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। महासंघ ने कहा कि अन्य राज्यों ने खुदाई में निकली मूर्तियां व मंदिरों के अवशेष जैन समाज को दिए भी हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से कई मसलों पर चर्चा की। मंत्री ने राज्य में जिस क्षेत्र में विहार मार्ग पर साधु-संतों के रुकने की पर्याप्त एवं उचित व्यवस्था नहीं है, वहां विहार धाम बनाने के लिए जैन संघों से प्राप्त प्रस्तावों पर सरकार के आर्थिक अनुदान देने की बात कही। बैठक में महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप भंडारी, बेंगलूरु शाखा के अध्यक्ष गौतम धारीवाल, मंत्री राजेन्द्र मुणोत, सुशील तलेसरा आदि उपस्थित थे।
जैन विकास परिषद के गठन की मांग
गांधी ने मंत्री पाटिल का सम्मान भी किया। गांधी ने मंत्री से केंद्र सरकार प्रायोजित युवा उद्यमियों को व्यापार के लिए सहायता योजना के क्रियान्वयन और विभाग के तहत जैन विकास परिषद के गठन की मांग की। मंत्री ने पहले चरण में राज्य ५ स्थानों पर जैन विद्यार्थियों के लिए छात्रावास निर्माण का आश्वासन दिया। राज्य में जैन समाज को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट प्राप्त करने में आने वाली समस्याओं तथा अन्य विषयों पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा हुई।
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