बैंगलोर

स्वैच्छिक पुनर्वास के लिए सहायता राशि बढ़ाने की मांग

पैकेज में उन परिवारों को भी शामिल किया जाए जो उन इलाकों में रह रहे हैं जिन्हें वफर जोन या टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है

बैंगलोरOct 19, 2021 / 08:57 pm

Nikhil Kumar

बेंगलूरु. वन्यजीव कार्यकर्ता गिरिधर कुलकर्णी ने सरकार से ऐसे उन वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के अंदर रहने वाले परिवारों के स्वैच्छिक पुनर्वास के लिए सहायता राशि बढ़ाने की मांग की है जिन्हें अभी तक टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है।

कुलकर्णी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) विजयकुमार गोगी और राज्य के वन मंत्री उमेश कट्टी को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्वैच्छिक ग्राम पुनर्वास के लिए पहले विकल्प के तहत अनुदान सहायता को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने की मांग की है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि पैकेज में टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शामिल किया जाए।

उन्होंने बताया कि पहले विकल्प के तहत वर्तमान में प्रदेश सरकार उन परिवारों को 10 लाख रुपए की राशि देती है जो स्वेच्छा से वन विभाग की मदद के बिना बाहर निकलते हैं। दूसरे विकल्प के तहत 15 लाख रुपए के पैकेज के साथ विभाग द्वारा पुनर्वास किया जाएगा। हालांकि, यह केवल उन परिवारों पर लागू होता है जिनके पास जमीन है। ज्यादातर परिवारों ने पहला विकल्प चुना है और ऐसे में वे 10 लाख रुपए के ही हकदार हैं। इन लोगों को भी 15 लाख रुपए दिए जाए। पैकेज में उन परिवारों को भी शामिल किया जाए जो उन इलाकों में रह रहे हैं जिन्हें वफर जोन या टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है। यह पुनर्वास प्रक्रिया को भी तेज करेगा।

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