मौके पर पहुंची पुलिस ने घंटों तक प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया जिसका कोई फायदा नहीं हुआ। इससे पहले भी शराब की दुकान बंद करने की मांग को लेकर लोगों ने रास्ता रोक कर प्रदर्शन किया था, परंतु शराब की दुकान के मालिक ने अपनी दुकान खोलने से रोकने का आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 28 मई तक मामले की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी। न्यायालय ने तब तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए।
इसके चलते शराब की दुकान के मालिक आर.एस. प्रभाकर ने गुरुवार को फिर से अपनी शराब की दुकान खोल दी। शराब की दुकान खोलने पर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यहां पर स्कूल व कालेज तथा आश्रम हैं। यहां पर किसी भी कारण शराब की दुकान नहीं खुलनी चाहिए। बिगड़ते हालात को देखते हुए मौके पर पहुंचे आबकारी अधिकारी प्रदर्शनकारियों को न्यायालय के आदेश के बारे में समझाने लगे जिससे प्रदर्शनकारी और भडक़ गए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
स्कूल-कालेजों से 100 मीटर के दायरे के अंदर शराब की दुकान है यह आरोप प्रदर्शनकारियों ने लगाया। तुरंत प्रदर्शनकारियों के सामने ही आबकारी विभाग अधिकारियों ने जगह की माप की। शराब की दुकान सौ मीटर के दायरे से बाहर होने का पता लगा। इससे भी गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस तथा आबकारी विभाग अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए। किसी भी कारण यहां पर शराब की दुकान नहीं खुलनी चाहिए की मांग की गई।
हालात बिगड़े
शहर के हेब्बल्लीअगसी पर स्थित शराब की दुकान स्थानांतरित करने की मांग को लेकर गुरुवार को स्थानीय निवासियों का प्रदर्शन उग्र हो गया। सुबह से ही लोग शांति से धरना दे रहे थे। दोपहर के पश्चात हालात बिगडऩे लगे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने शराब की दुकान पर पथराव किया, तुरंत कार्यप्रवृत हुई पुलिस ने 40 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
एसीपी एम.एन. रुद्रप्पा, शहर थाना पुलिस निरीक्षक लक्ष्मीकांत तळवार, विद्यागिरी थाना पुलिस निरीक्षक बी.आर. गड्डेकर, धारवाड़ यातायात पुलिस निरीक्षक मरुघेश चन्नण्णवर के नेतृत्व में महानगर निगम पूर्व पार्षद शंकर शळके, सुरेश पट्टणशेट्टी, रवि यलिगार, सचिन हेग्गेरी तथा दो महिलाओं समेत 40 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर दो पुलिस वैन में ले जाया गया।
शाम को पुलिस थाने में जमानत पर प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया। पूर्व सतर्कता के चलते शराब की दुकान के चारों ओर कड़ा पुलिस बंदोबस्त किया गया है। न्यायालय का अग्रिम स्थगन आदेश होने के कारण पुलिस, राजस्व तथा आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मामले में असहायता जाहिर की।