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शत्रुंजय महात्मय का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

locationबैंगलोरPublished: Sep 08, 2018 10:11:09 pm

पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ में शुक्रवार को संत डॉ वसंत विजय एवं वज्र तिलक विजय ने अनेक स्थानों से आए श्रद्धालुओं को पर्युषण के कर्तव्यों को अद्भुत तरीके से समाझाया।

शत्रुंजय महात्मय का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

शत्रुंजय महात्मय का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

कृष्णगिरि. पाश्र्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ में शुक्रवार को संत डॉ वसंत विजय एवं वज्र तिलक विजय ने अनेक स्थानों से आए श्रद्धालुओं को पर्युषण के कर्तव्यों को अद्भुत तरीके से समाझाया।

इस अवसर पर पुण्डरिक गणधर द्वारा सवा लाख श्लोकों से रची हुई एवं सुधर्मा स्वामी द्वारा 24000 श्लोक में अनुवादित धनेश्वर सूरी द्वारा भावांतर किया गया शत्रुंजय महात्मय का वर्णन सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे। डॉ. वसंत विजय ने बताया कि एक व्यक्ति अपने बेटे का पूर्ण ध्यान रखता है, उस समय किसी अन्य को कितनी भी बड़ी परेशानी आ जाए वह चिंता हमें नहीं सताती है। अपनापन हमें सताता है, मोह माया हमें सताता है।


कृष्णगिरि में सोमवार को प्रभु जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। साथ ही संवत्सरी पर्व की आराधना एवं संवत्सरी प्रतिक्रमण के लिए कार्यकर्ता व्यवस्थाओं में जुटे हैं। पर्युषण पर्व के उपलक्ष्य में तीर्थ को रोशनी से सजाया गया है।

नव उल्लास लाता है पर्युषण पर्व
हासन. तेरापंथ सभा में मुमुक्षु रोनक ने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है, हमें मनुष्य भव प्राप्त हुआ है। जैन धर्म मिला है, भगवान महावीर का शासन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व जीवन में एक नया उल्लास लेकर आता है। वासना से आसना की ओर ले जाने का, आलस्य को त्यागकर धर्म, ध्यान, सामायिक कर अपने आपको शुद्ध बनाने का पैगाम लेकर आता है। त्याग, तपस्या, उपवास कर जीवन को सार्थक बनाना है। इन आठ दिनों में पाई गई ऊर्जा पूरे वर्ष में हमें एक नई चेतना से भर देता है। मुमुक्षु स्नेहा, मुमुक्षु पूजा, मुमुक्षु दीप्ति ने गीतिका का संगान किया। सभाध्यक्ष जयंतीलाल कोठारी ने स्वागत किया।

जिनभक्ति की अनूठी प्रभावना
बेंगलूरु. जैन जीवदया संगठन की ओर से अपरिहार्य कारणों से मंदिर नहीं जा पा रहे श्रावकों से उनके घर पर पंच धातु की प्रभु प्रतिमा की पूजा अर्चना कराकर अष्टप्रकारी विधान कराई जा रही है। संगठन सदस्यों द्वारा पर्युषण महापर्व के दौरान जिनभक्ति की अनूठी प्रभावना की जा रही है।

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