रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला इलेक्ट्रोनिक एवं राडार विकास प्रतिष्ठान (एलआरडीइ) द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित किया जा रहा उत्तम राडार एक साथ कई मिशनों को अंजाम देगा। यह दुश्मन के ठिकानों की पहचान कर उसे ध्वस्त करने में सक्षम होगा वहीं, टोही मिशन के दौरान दुश्मन के ठिकानों की हाई-रिजोल्यूशन तस्वीरें उपलब्ध कराएगा।
63 तेजस होंगे उत्तम से लैस
रक्षा अधिकारियों का कहना है कि कुल 83 तेजस युद्धकों में से 63 तेजस में यह राडार लगाया जाएगा। यानी, 21 वें तेजस मार्क-1-ए से उत्तम राडार का इंटीग्रेशन शुरू होगा। डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा कि ‘अभी तक के परीक्षणों में उत्तम राडार का प्रदर्शन उम्मीदों से बेहतर रहा है। इस राडार को तेजस में इंटीग्रेट करने के लिए एचएएल से पहले ही करार हो चुका है।Ó
रक्षा अधिकारियों का कहना है कि कुल 83 तेजस युद्धकों में से 63 तेजस में यह राडार लगाया जाएगा। यानी, 21 वें तेजस मार्क-1-ए से उत्तम राडार का इंटीग्रेशन शुरू होगा। डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा कि ‘अभी तक के परीक्षणों में उत्तम राडार का प्रदर्शन उम्मीदों से बेहतर रहा है। इस राडार को तेजस में इंटीग्रेट करने के लिए एचएएल से पहले ही करार हो चुका है।Ó
समय पर होगी आपूर्ति
वहीं एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.माधवन ने कहा ‘हम उत्तम राडार को तेजस में लगाने की योजना बना रहे हैं। तेजस मार्क-1 ए विमानों की आपूर्ति तय समय सीमा पर शुरू हो जाएगी। इसलिए 20 इजरायली राडार के आर्डर दिए जाएंगे। तब तक स्वदेशी उत्तम राडार तैयार हो जाएंगे।’
वहीं एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.माधवन ने कहा ‘हम उत्तम राडार को तेजस में लगाने की योजना बना रहे हैं। तेजस मार्क-1 ए विमानों की आपूर्ति तय समय सीमा पर शुरू हो जाएगी। इसलिए 20 इजरायली राडार के आर्डर दिए जाएंगे। तब तक स्वदेशी उत्तम राडार तैयार हो जाएंगे।’
बच नहीं पाएंगे दुश्मनों के ठिकाने
फिलहाल तेजस में इजरायली कंपनी एल्टा (इएलटीए) का राडार ‘इएल/एम-2052Ó लगा हुआ है। लेकिन, उत्तम मल्टी मोड राडार है जो हवा से हवा में, हवा से जमीन पर और हवा से समुद्र में दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम होगा। यह विश्व के किसी भी अन्य राडार की तुलना में अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ होगा। एक तरफ यह दुश्मन के छिपे हुए ठिकानों की पहचान करने में सक्षम होगा वहीं दूसरी ओर यह दुश्मनों के वार से भी एयरक्राफ्ट को बचाएगा। यानी, दोस्त और दुश्मन विमानों की बखूबी पहचान होगी। युद्ध क्षेत्र में यह आसपास की परिस्थितियों से पायलट को बेहतर ढंग से अवगत कराएगा। बेहद सटीकता के साथ मल्टीपल टारगेट की पहचान करना इस राडार की सबसे बड़ी खूबी होगी।
फिलहाल तेजस में इजरायली कंपनी एल्टा (इएलटीए) का राडार ‘इएल/एम-2052Ó लगा हुआ है। लेकिन, उत्तम मल्टी मोड राडार है जो हवा से हवा में, हवा से जमीन पर और हवा से समुद्र में दुश्मनों के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम होगा। यह विश्व के किसी भी अन्य राडार की तुलना में अपने वर्ग में सर्वश्रेष्ठ होगा। एक तरफ यह दुश्मन के छिपे हुए ठिकानों की पहचान करने में सक्षम होगा वहीं दूसरी ओर यह दुश्मनों के वार से भी एयरक्राफ्ट को बचाएगा। यानी, दोस्त और दुश्मन विमानों की बखूबी पहचान होगी। युद्ध क्षेत्र में यह आसपास की परिस्थितियों से पायलट को बेहतर ढंग से अवगत कराएगा। बेहद सटीकता के साथ मल्टीपल टारगेट की पहचान करना इस राडार की सबसे बड़ी खूबी होगी।
परीक्षण उत्साहजनक
राडार परियोजना के निदेशक पी. शेषगिरि ने बताया कि तेजस सीमित शृंखला उत्पादन के दो विमानों एलएसपी-2 और एलएसपी-3 के अलावा एक अन्य जेट विमान में इसका परीक्षण हो रहा है। अभी तक इस राडार का 230 घंटे से अधिक का परीक्षण हो चुका है। तेजस पर इसका परीक्षण हवा से हवा में हुआ है। इसके लिए रेंज दृश्य सीमा से परे (बीवीआर) मार करने वाली मिसाइलों के योग्य होना चाहिए। लेकिन, उत्तम राडार में इससेे भी बेहतर रेंज हासिल करने की कोशिश हो रही है। वहीं, जेट विमान में हवा से हवा, हवा से समुद्र और हवा से जमीन के लिए परीक्षण हो रहा है।
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राडार परियोजना के निदेशक पी. शेषगिरि ने बताया कि तेजस सीमित शृंखला उत्पादन के दो विमानों एलएसपी-2 और एलएसपी-3 के अलावा एक अन्य जेट विमान में इसका परीक्षण हो रहा है। अभी तक इस राडार का 230 घंटे से अधिक का परीक्षण हो चुका है। तेजस पर इसका परीक्षण हवा से हवा में हुआ है। इसके लिए रेंज दृश्य सीमा से परे (बीवीआर) मार करने वाली मिसाइलों के योग्य होना चाहिए। लेकिन, उत्तम राडार में इससेे भी बेहतर रेंज हासिल करने की कोशिश हो रही है। वहीं, जेट विमान में हवा से हवा, हवा से समुद्र और हवा से जमीन के लिए परीक्षण हो रहा है।
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