केंद्र सरकार के औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के निवेश मंशा डेटा (औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन) के अनुसार कर्नाटक निवेशकों का पसंदीदा राज्य बना हुआ है। पिछले पांच वर्षों के दौरान राज्य में निवेश को लेकर स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।
जहां वर्ष-2013 में 10500 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के साथ इस सूची में राज्य 11वें पायदान पर था, वहीं वर्ष-2014 में 21,866 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ और राज्य पांचवें पायदान पर पहुंच गया।
वर्ष-2015 में इसमें फिर से बढोत्तरी हुई और 31,688 करोड़ के साथ कर्नाटक ने चौथा स्थान हासिल किया। वहीं वर्ष-2016 में 1 लाख 54 हजार 173 करोड़ रुपए और वर्ष-2017 में 1 लाख 52 हजार 118 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव को हासिल कर राज्य ने पहला स्थान हासिल किया। अब यह सिलसिला इस वर्ष भी बरकरार है।
राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के प्रधान सचिव गौरव गुप्ता के अनुसार इस वर्ष के डेटा में यह भी दर्शाया गया है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के कारण दो महीने तक निवेश प्रक्रिया रुकी रही जिस कारण पिछले वर्ष की तुलना में निवेश प्रस्ताव अनुमान से कम हासिल हुआ है।
राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री केजे जॉर्ज ने कहा कि राज्य में व्यवसाय और निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं और राज्य सरकार ने नए निवेश के लिए अपना द्वार खुला रखा है।