नवकार मंत्र गिनने से भय का नाश
बैंगलोरPublished: Jul 29, 2021 11:01:38 am
धर्मसभा का आयोजन
नवकार मंत्र गिनने से भय का नाश
बेंगलूरु. महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ त्यागराज नगर में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी ने कहा कि तीर्थंकर नाम कर्म एक ऐसी पुण्य प्रकृति है जिसका उदय एकांत रूप से स्व व पर का कल्याण ही करता है। अन्य पुण्य प्रकृतियों का बंध तो कोई भी आत्मा आसानी से कर सकती है जबकि तीर्थंकर नाम कर्म की निकाचना तो वही आत्मा अर्थात तीर्थंकर की आत्मा ही कर सकती है जो कि तीसरे भव में तीर्थंकर बनकर मोक्ष में जाने वाली होती है। समस्त तीर्थंकर परमात्मा केवल ज्ञान की प्राप्ति के बाद तीर्थ की स्थापना करते हैं और रोजाना पहले व चौथे प्रहर में कुल दोनों मिलाकर 6 घंटे भविष्य के कल्याण के लिए धर्म देशना देते हैं। जगत के जीवों को संसार का वीभत्स स्वरूप और मोक्ष की रमणीय तो समझा कर बड़ा उपकार करते हैं। इस अवसर पर मुनि राजपद्मसागर ने कहा कि भाव पूर्वक नवकार मंत्र को गिनने से जंगली प्राणी अग्नि सर्व राक्षस चोर राजा आदि का भय नाश होता है और नाना प्रकार की गतियां में जन्म लेकर आत्मा को जो कष्ट सहन करने पड़ते हैं। उससे भी बहुत जल्दी छुटकारा मिलता है इस अवसर पर शहर के अनेक हिस्सों से श्रद्धालु संतों के दर्शन करने पहुंचे और आशीर्वाद लिया।