आचार्य ने कहा कि जिंदगी में हम लगातार ऐसी परिस्थितियों का सामना करते रहते हैं जो हमारा ध्यान लक्ष्य से भटका देती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि हमें जाना तो कहीं और होता है और हम पहुंच कहीं और जाते हैं।
इससे बचने के लिए यह जरूरी है कि हम जीवन की चुनौतियों का सामना खुद ही करें। अपने जीवन की दिशा खुद ही निर्धारित करनी है। आप चाहे तो आम लोगों की तरह रोजी-रोटी के जुगाड़ में अपनी पूरी जिंदगी गुजार सकते हैं लेकिन अगर कुछ नया कुछ अलग करके दिखाना है तो आप योजनाओं के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं और अपने प्रत्येक कार्य को पूरे मन व निष्ठा के साथ एक चुनौती के रूप में लेकर उसे सफल बनाने की प्रयास करें।