राष्ट्रवाद के बुनियाद पर विकास की संकल्पना आज अधिक प्रासंगिक
बैंगलोरPublished: Oct 17, 2019 08:26:37 pm
देशों ने विकास के लिए पूंजीवाद तथा साम्यवाद को अपनाया है लेकिन आज यह दोनों विचारधाराएं अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में देश के महान चिंतक द्रष्टा दत्तोपंत ठेंगड़ी की विशुद्ध राष्ट्रवाद पर आधारित समाज के हर वर्ग के उत्थान करनेवाली राष्ट्रवाद के बुनियाद पर विकास की संकल्पना आज अधिक प्रासंगिक
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बेंगलूरु.विश्व के कई देशों ने विकास के लिए पूंजीवाद तथा साम्यवाद को अपनाया है लेकिन आज यह दोनों विचारधाराएं अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में देश के महान चिंतक द्रष्टा दत्तोपंत ठेंगड़ी की विशुद्ध राष्ट्रवाद पर आधारित समाज के हर वर्ग के उत्थान करनेवाली राष्ट्रवाद के बुनियाद पर विकास की संकल्पना आज अधिक प्रासंगिक हो गई है। भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी सतीश ने यह बात कही।
शहर के मिथिक सोसायटी के सभागार में गुरुवार को दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्धि समिति के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए उन्होंने कहा की साम्यवाद तथा पूंजीवाद के विकल्प को लेकर दत्तोपंत ठेंगडी ने’द थर्ड वेÓ नामक पुस्तक में 25 वर्ष पहले प्रखर राष्ट्रवाद के आधार पर एक ऐसी विचारधारा का समर्थन किया था जो केवल उपभोक्तावाद पर आधारित नहीं है।साम्यवाद तथा पुंजीवाद केवल अर्थ एवं काम पर आधारित है जबकि हमारी देशी विचारधारा धर्म अर्थ काम और मोक्ष पर आधारित होने के कारण यह विचारधारा अधिक संवेदनशील है। इस विचारधारा से ही समाज के सभी वर्गों का विकास संभव है।
उन्होंने कहा कि नवम्बर2019 से नवम्बर 2020 एक वर्ष तक दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्धि के उपलक्ष्य में पूरे देश में उनकी प्रेरणा से स्थापित भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच तथा भारतीय किसान संघ की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की अध्यक्षता में राष्र्टीय स्तर पर दत्तोपंत ठेंगडी जन्म शताब्धि समिति का गठन किया गया है।
कार्यक्रम में उपस्थित इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य क्रिस गोपालकृष्णा ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगडी जैसे महान चिंतक की जन्मशताब्धी समिति के साथ जुडकर कार्य करने का अवसर मिलना मेरा अहोभाग्य है। केवल भौतिक संपन्नता जीवन का लक्ष्य नहीं हो सकता है। केवल एक सिमित वर्ग का नहीं बल्कि समाज के हरस्तर के वर्गों का विकास होने से ही देश विकास का दावा कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में भी आदिचुंचनगिरी मठ के प्रमुख डॉ निर्मलानंदनाथ की मानद अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य क्रिस गोपालकृष्णा इस समिति के अध्यक्ष होंगे। अल्वास प्रतिष्ठान के मोहन आल्वा तथा अदम्य चेतना संस्था की अध्यक्ष तेजस्विनी अनंतकुमार इस समिति के उपाध्यक्ष होंगे।