बैंगलोरPublished: Jan 18, 2020 09:49:43 pm
Santosh kumar Pandey
आचार्य देवेंद्रसागर ने सुशील धाम में कहा कि परहित सरिस धरम नहिं भाई पर पीड़ा सम नहिं अधमाई। परोपकार से बढ़कर कोई उत्तम कर्म नहीं और दूसरों को कष्ट देने से बढ़कर कोई नीच कर्म नहीं।
परोपकार से मानव के व्यक्तित्व का विकास: आचार्य देवेन्द्रसागर