तीनों की अनुपस्थिति को लेकर पूछे पर पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि पुट्टराजू तथा श्रीनिवास जद-एस छोडक़र कही नहीं जाने वाले हंै। जीटी देवगौड़ा हमारी पार्टी के साथ रहेंगे या किसी अन्य दल में शामिल होंगे इस बात को लेकर उनके पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। लेकिन, पार्टी के फैसले का उल्लंघन करना तार्किक नहीं है। कोई भी नेता पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस के विधायकों ने मतदान नहीं करने का फैसला लिया था इसलिए जद-एस ने भी मतदान में भाग नहीं लेने का फैसला किया था। इस फैसले का जीटी देवगौड़ा को छोडक़र अन्य सभी 33 विधायकों ने सम्मान करते हुए मतदान में भाग नहीं लिया है।
उल्लेखनीय है कि जद-एस के 10 विधायकों ने निर्दलीय प्रत्याशी बीआर अनिलकुमार का समर्थन किया था जिस कारण अनिलकुमार का नामांकन पत्र स्वीकृत हो गया।
हालांकि मतदान से पहले ही अनिल कुमार ने चुनाव से पीछे हटने होने की घोषणा कर दी क्योंकि विपक्ष के सदस्य मतदान नहीं करने वाले थे। इस कारण यह चुनाव महज एक रस्म अदायगी बनकर रह गया और भाजपा प्रत्याशी उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी की जीत आसान हो गई।