साध्वी तीर्थश्री के देवलोक पर पालकी यात्रा में उमड़े श्रद्धालु
मंगलवार को साध्वी दीक्षा ग्रहण की थी
साध्वी तीर्थश्री के देवलोक पर पालकी यात्रा में उमड़े श्रद्धालु
बेंगलूरु. वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ अक्कीपेट स्थानक में नवदीक्षित साध्वी तीर्थश्री का चौविहार संथारापूर्वक देवलोक हो गया। 64 दिनों से गतिमान तिविहार संथारा की साधना के साथ तपस्विनी ताराबाई कांतिलाल गांधी ने मंगलवार को शांत क्रांति संघ के आचार्य विजयराज की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी मयंकमणि से जैन साध्वी दीक्षा ग्रहण की थी। बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे उन्होंने जीवन पर्यन्त के लिए चौविहार संथारा के प्रत्याख्यान ग्रहण किए और करीब 1 बजकर 10 मिनट पर देवलोक हो गया। समाचार सुनते ही समूचे बेंगलूरु से जैन समाज के पदाधिकारी एवं श्रद्धालु अंतिम दर्शनार्थ उमड़ पड़े। अक्कीपेट जैन स्थानक से शाम 4:35 बजे पालकी यात्रा शुरू हुई। जय जय नंदा, जय जय भद्दा के नारों से गगन गुंजायमान करते हुए साध्वी तीर्थश्री के पार्थिव शरीर को टीआर मिल शवदाहगृह लाया गया। जहां उनके सांसारिक परिजन कांतिलाल विमलकुमार रविन्द्रकुमार गांधी, दीक्षा लाभार्थी मदनलाल माणकचंद बडेरा परिवार एवं देरासरिया परिजनों ने मुखाग्नि दी। संघ के अध्यक्ष नेमीचंद सालेचा, मंत्री सुरेश कानूंगा ने साध्वी तीर्थश्री के महाप्रयाण पर उनकी कुल 65 दिवसीय संथारा के साथ संयम साधना पूर्वक देवलोकगमन को जैन समाज के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बताया। सहमंत्री विनोद भुरट ने बताया कि गुरुवार को प्रात: 10:30 बजे अक्कीपेट जैन स्थानक में साध्वी तीर्थश्री के देवलोक पर संघ की ओर से गुणानुवाद सभा रखी गई है।
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