बैंगलोर

धर्म का उपयोग तकरार नहीं, प्यार के लिए हो: साध्वी डॉ. महाप्रज्ञा

श्रीरंगपट्टण में धर्मसभा

बैंगलोरJul 09, 2020 / 03:04 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. श्रीरंगपट्टण के दिवाकर मिश्री गुरु राज दरबार में साध्वी डॉ. महाप्रज्ञा ने कहा कि धर्म इंसानियत की दहलीज पर प्रेम और मोहब्बत का जलता हुआ चिराग है। इस चिराग का उपयोग आगजनी के लिए नहीं सबके जीवन को रोशन करने के लिए कीजिए। धर्म के सिद्धांतों का उपयोग तकरार के लिए नहीं प्यार के लिए कीजिये। राम-कृष्ण, महावीर-बुद्ध, जीसस-मोहम्मद आदि महापुरुष धर्म के उपवन में खिले हुए विभिन्न फूल हैं। इनके नाम पर लडक़र इन्हें मानवता के लिए कांटे ना बनाइए। धर्म के नाम पर एक दूजे के निकट आने का प्रयास कीजिए,आप पृथ्वी ग्रह का कायाकल्प करने में सफल हो जाएंगे।
धर्म न तो स्वर्ग पाने के लिए हो, न ही नर्क से बचने के लिए। धर्म जीवन को बदलने के लिए हो। कुछ लोग धर्म में भी धंधा करने की सोच रखते हैं।

उत्तम पुरुष वह होते हैं जो धंधे में भी धर्म का विवेक रखते हैं। केवल यज्ञ, हवन, पूजा , पाठ और सामायिक ही धर्म के चरण न हों अपितु अपने जीवन को इस तरह जियें कि चलना-फिरना,उठना -बैठना,खाना -पीना, धंधा- व्यवसाय भी धर्ममय हो जाए।
डॉ विनोद दरला के साथ चर्चा में कहा कि आज सच्चा धर्म निभाने के लिए इंसानियत के लिए कोई भी अगर कोरोना पॉजिटिव है तो आप उसे धर्म जाप कराकर सहायता देकर मदद कीजिए। सकरात्मक सोच को बढ़ाकर अपनी इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाएं।
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