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जीवन की उन्नति में सबसे बड़ा सहायक है तप

locationबैंगलोरPublished: Sep 22, 2018 11:29:51 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य कुमुद नंदी के प्रवचन

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जीवन की उन्नति में सबसे बड़ा सहायक है तप

बेंगलूरु. आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर साउथ एण्ड सर्कल में आचार्य कुमुद नंदी ने उत्तम तप धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि जीवन की उन्नति के लिए तप एक सरल उपाय है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, सबने तप को जीवन में अंगीकार किया और अपना जीवन महान बनाया। उन्होंने कहा कि जैन तीर्थंकर ऋषभदेव ने एक हजार वर्ष तप किया तो बाहुबली स्वामी ने एक वर्ष तक प्रतिमा योग में रह तप किया और भगवान बने। जो इस उत्तम तप को जीवन में धारण करता है, वह संसार पार हो जाता है। सूरज तपता है। धरती उपजाऊ होती है, माटी तपती है तो उपजाऊ होकर बीज बोकर खाद्यान प्राप्त होते है। दीपक में बाती तपती है तो उजाला होता है। संत अर्पण सागर ने कहा कि तप के बिना मोक्ष नहीं मिल सकता। कर्मों के बंधन को काटने के लिए तप आरी के समान है। जैस सोना ताप देने से शुद्धि को प्राप्त होता है, वैसे आत्मा के शोधन के लिए तप रुपी अग्नि की कसौटी जरूरी है। जिसमें संसारी आत्मा शुद्ध आत्मा को प्राप्त होती है।
तप आत्मा की शुद्धि का राजमार्ग
बेंगलूरु. अलसूर स्थित महावीर भवन में साध्वी नेहाश्री ने कहा कि तप आत्मा की शुद्धि का राजमार्ग है। तप हमारी इच्छाशक्ति एवं आसक्ति पर विजय है। मोक्ष के अभिलाषी तप धारण करते हंै। तप के द्वारा साधक पाप मार्ग को अवरुद्ध करते हैं और जीवन में संयम को प्रकट करते हैं। 31 उपवास की तपस्वी शालिनी खीचा के तप पूर्णाहुति पर साध्वी ने कहा कि तपस्या में परिवार का सहयोग और अनुमोदना भी महत्व रखती है। तपस्वी के जीवन में संयम झलकना चाहिए। उपवास से स्वास्थ्य भी निरोग रहता है और नई ऊर्जा मिलती है। तपस्वी शालिनी का माला रजत स्मृति पट्टिका एवं अभिनंदन पत्र से सम्मान किया गया। मंत्री चंद्रप्रकाश मुथा ने स्वागत किया। संचालन अभयकुमार बांठिया ने किया।
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