बैंगलोर

महंगा डीजल-पेट्रोल : अभी जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे पेट्रोलियम उत्पाद

जीएसटी परिषद की बैठक 28 को

बैंगलोरSep 22, 2018 / 07:06 pm

कुमार जीवेन्द्र झा

महंगा डीजल-पेट्रोल : अभी जीएसटी के दायरे में नहीं आएंगे पेट्रोलियम उत्पाद

बेंगलूरु. महंगे डीजल और पेट्रोल से परेशान उपभोक्ताओं को अभी ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। पेट्रोलियम उत्पादों को फिलहाल माल व सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का प्रस्ताव नहीं है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी नेटवर्क पर गठित राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को यहां समूह की बैठक के बाद कहा कि 28 सितम्बर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने का मसला एजेंडे में शामिल नहीं है। मोदी ने कहा कि अगर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल कर लिया जाए तो भी लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे डीजल-पेट्रोल की कीमतों पर कोई अंकुश लगेगा। गौरतलब है कि डीजल-पेट्रोल कीमतों में लगातार वृद्धि के कारण इसे जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठ रही है। हालांकि, केंद्र सरकार के आयात शुल्क व केंद्रीय करों में कटौती करने से इनकार करने के बाद उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक ने राज्य करों में कटौती की है।
मोदी ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर दुहराया कि पेट्रोलियम उत्पाद पहले से ही जीएसटी की सूची में शामिल हैं और अब सिर्फ यह तय किया जाना हैकि इस पर जीएसटी कब से लगाया जाना है। मोदी ने कहा कि २८ सितम्बर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में यह मसला एजेंडे में नहीं है क्योंकि केंद्र के साथ ही कई राज्यों का मानना है कि अभी राजस्व संग्रह को स्थिर करने के साथ ही कर दायरे को बढ़ाना और अनुपालन आवश्यक है। इसके बाद ही पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगाने के बारे में विचार किया जाएगा।

जीएसटी के बाद भी केंद्र व राज्य लगा सकते हैं कर
मोदी ने कहा कि लोगों को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के बाद एक निश्चित कर होने से उन पर करों का भार कम हो जाएगा। मोदी ने कहा कि डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में लाने के बाद भी केंद्र व राज्य सरकारों पर इन पर अतिरिक्त कर लगाने से नहीं रोका जा सकता है। प्रावधानों के मुताबिक केंद्र व राज्य सरकारें जीएसटी पर भी कर लगा सकती हैं और यह प्रावधान वैश्विक चलन पर आधारित है। इस प्रावधान के कारण केंद्र व राज्य सरकारें अथवा दोनों ही डीजल व पेट्रोल पर अतिरिक्त कर लगा सकती है।
मोदी ने कहा कि अभी डीजल-पेट्रोल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लगाने का उपयुक्त समय नहीं है। केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त तौर पर अभी पेट्रोलियम उत्पादों पर लगभग 50 फीसदी कर लगाती है। दोनों ही सरकरों का पहला लक्ष्य राजस्व संग्रहण को स्थिर करना है।

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