उन्हें पर्याप्त शिक्षण सामग्री उपलब्ध होगी तो शिक्षा के प्रति उनकी रुचि बढ़ेगी। महिला मण्डल की ओर से विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना सराहनीय कार्य है। महिला मण्डल की ओर से शिक्षण सामग्री वितरित की गई।
—— महिलाओं को दी सिलाई मशीन
मंड्या. कोत्ताती गांव में तुबिनकेरे जिला पंचायत सदस्य रामलिगु गौड़ा ने 15 महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की। गौड़ा ने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। एन सुजाता गौड़ा, दोड्डाया, चनेगौड़ा मौजूद थे।
मंड्या. कोत्ताती गांव में तुबिनकेरे जिला पंचायत सदस्य रामलिगु गौड़ा ने 15 महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट की। गौड़ा ने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी। एन सुजाता गौड़ा, दोड्डाया, चनेगौड़ा मौजूद थे।
—— प्रभु महावीर के सिद्धांत अपनाएं
बेंगलूरु. साध्वी वीरकांता ने कहा कि हमारा जीवन संयमित बनें। प्रभु महावीर के सिद्धांतों को हम अपने जीवन में आत्मसात करें। सच्चे प्रभु वीर के उपासक बनकर हित, मित परिमित जीवन जिएं। प्रभु की भक्ति निष्काम भाव से करें।
बेंगलूरु. साध्वी वीरकांता ने कहा कि हमारा जीवन संयमित बनें। प्रभु महावीर के सिद्धांतों को हम अपने जीवन में आत्मसात करें। सच्चे प्रभु वीर के उपासक बनकर हित, मित परिमित जीवन जिएं। प्रभु की भक्ति निष्काम भाव से करें।
रामकोट हैदराबाद से संघ चेयरमैन सुरेश कीमती, अध्यक्ष बाबूलाल काकरिया के नेतृत्व में 50 लोगों ने साध्वी से आशीर्वाद लिया। चामराजपेट संघ संचालक माणकचंद रुणवाल ने स्वागत किया। गौतमचंद ओस्तवाल, सम्पतराज बाफना, तखतराज बाफना, महावीरचंद धारीवाल, सुजीत रुणवाल, संजय धारीवाल, संजय कुमार कचोलिया मौजूद रहे।
—— पुरुषार्थ से मिलती है सफलता
मैसूरु. वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ में श्रुत मुनि ने ‘रतन का जतन करोÓ विषय पर कहा कि मनुष्य जन्म का रतन हमें छह योग तो पूर्व जन्मों के कर्मों एवं पुण्य से हुए हैं। वह पहला आर्य क्षेत्र अर्थात भारत भूमि, जहां संस्कृति एवं संस्कार एवं धर्म कण कण में बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा आर्यक्षेत्र में भी मनुष्य जीवन मिला है न कि पशु, पक्षी के जीवनचक्र में नहीं जाना पड़ा है।
मैसूरु. वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक संघ में श्रुत मुनि ने ‘रतन का जतन करोÓ विषय पर कहा कि मनुष्य जन्म का रतन हमें छह योग तो पूर्व जन्मों के कर्मों एवं पुण्य से हुए हैं। वह पहला आर्य क्षेत्र अर्थात भारत भूमि, जहां संस्कृति एवं संस्कार एवं धर्म कण कण में बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दूसरा आर्यक्षेत्र में भी मनुष्य जीवन मिला है न कि पशु, पक्षी के जीवनचक्र में नहीं जाना पड़ा है।
तीसरा उच्च कुल, चौथा पांचों इन्द्रियों, पांचवां निरोगी काया, छठा लम्बी आयु बढ़ा काम नहीं कर सकते हैं। चार योग हमारे पुरुषार्थ से मिलते हैं। संतों का समागम, जिनवाणी सुनना, श्रद्धा रखना, आचरण में आना, जीवन में छह बातें पूर्व की पुण्य से मिलती हैं। मुनि का मंगलप्रवेश व अहिंसा यात्रा शुक्रवार सुबह 8 बजे पाŸववाटिका से सीआईटीबी चोल्टी में होगा।