बैंगलोर

जिला प्रशासन की प्रतिबध्दता पर कलाकारों को संदेह!

हुब्बल्ली-धारवाड़ में गणेशोत्सव मनाने के लिए युवा तैयार हैं। घरों में भी तैयारियां की जा रही हैं। गणेश मूर्ति तैयार करने वाले कलाकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।

बैंगलोरSep 10, 2018 / 10:36 pm

शंकर शर्मा

जिला प्रशासन की प्रतिबध्दता पर कलाकारों को संदेह!

हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ में गणेशोत्सव मनाने के लिए युवा तैयार हैं। घरों में भी तैयारियां की जा रही हैं। गणेश मूर्ति तैयार करने वाले कलाकार भी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। पिछली बार की तरह प्लास्टर ऑफ पैरिस (पीओपी) की मूर्तियों को प्रतिष्ठापित नहीं करने और मिट्टी की मूर्तियों को ही प्रतिष्ठापित करने के जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं, साथ ही इस पर कार्रवाई भी की जा रही है।


जिला प्रशासन ने 2016 से ही पर्यावरण स्नेही गणेश मूर्तियों को प्रतिष्ठापित करने के निर्देश देता रहा है। 2017 में अभियान तेज किया गया था। इसके बावजूद आखरी पल में आए दबाव से जिला प्रशासन ने पीओपी गणेश मूर्तियों को प्रतिष्ठापित करने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। इसके चलते मिट्टी की मूर्ति तैयार करने वालों को घाटा झेलना पड़ा। इस वर्ष जिला प्रशासन ने गणेश मूर्ति तैयार करने वालों, गणेश मंडलों तथा नेताओं के साथ लगातार बैठकें की हैं। पर्यावरण स्नेही त्योहार बनाने के लिए सभी तैयारियां की गई हैं। चेकपोस्ट आरम्भ कर पीओपी मूर्तियों को शहर में लाने पर रोक लगाई जा रही है। पीओपी मूर्तियों की प्रतिष्ठापना को रोकने की दिशा में जिला प्रशासन ने कई कार्रवाईयां की हैं। पिछले वर्ष आखरी पल में मौका दिया था।


इसे देखते हुए मूर्ति तैयार करने वालों को पीओपी मूर्तियों की प्रतिष्ठापना करने का संदेह है। इस संदेह को दूर करने में जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा, क्या पूरी तरह से लगाम कसने में कामियाब होगा इसे देखना है।

एकल खिडक़ी व्यस्था
मूर्तियों की प्रतिष्ठापना के लिए सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों को विभिन्न विभागों से अनुमति प्राप्त करनी होती है। कार्यालयों के चक्कर लगाने से छुटकारा दिलाने की दिशा में महानगर निगम, हेस्कॉम, दमकल की अनुमति एक ही जगह दी जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने तीन एकल खिडक़ी केंद्रों को स्थापित किया है। साथही पुलिस विभाग ने भी चेकपोस्ट आरम्भ कर पीओपी मूर्तियों को बाहर से ही रोकने का फैसला लिया है।

गणेशोत्सव समितियों ने दिया साथ
पिछले वर्ष पर्यावरण स्नेही मिट्टी के गणेश मूर्तियों को ही प्रतिष्ठापित करने के आग्रह पर हुब्बल्ली गणेशोत्सव समितियों के महामंडल ने भी साथ दिया था परन्तु आखरी पल में पीओपी मूर्तियों के बाजार में पहुंचने पर किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं जताया था। इस बार पर्यावरण स्नेही गणेश मूर्तियों को प्रतिष्ठापित करने के जिला प्रशासन के फैसले पर महामंडल ने साथ देने का निर्णय किया है। कोई भी पीओपी मूर्तियों की प्रतिष्ठापना करने पर शिकायत दर्ज की जाएगी। श्रीशैलप्पा शेट्टर, अध्यक्ष, हुब्बल्ली गणेशोत्सव समिति महामंडल

सख्ती से लागू करें
मिट्टी की मूिर्तयों को मात्रा मौका देने का जिला प्रशासन का फैसला सराहनीय है परन्तु इसे सख्ती से लागू करना चाहिए। पिछले वर्षों की तरह किसी के दबाव में आकर पीओपी गणेश मूर्तियों को मौका दिए जाने पर जिला प्रशासन की बात पर अमल करते हुए मिट्टी की मूर्तियों को तैयार करने वाले मुसिबत में पड़ जाएंगे। हमारे पिता के समय से मिट्टी के गणेश मूर्तियों को ही तैयार करते आए हैं। पूरे वर्ष मूर्ति तैयार करना ही हमारा कार्य है। ऐसे सैकड़ों परिवार हैं, उनसभी को सुविधा होगी।शेखर बापकर, मिट्टी के गणेश मूर्ति बनाने वाला

जगह नहीं दी
गणेश मूर्तियों को तैयार करने में इस बार लगातार हुई रिमझिम बारिश बाधा बनी। धूप निकलने पर घर के आंगन में ही गणेश मूर्तियों को तैयार करने का कार्य चलता था। मूर्तियां भी जल्दी सूख जाती थीं। लगातार हुई बारिश से मौसम ठंड़ा होने के कारण मूर्तियां सूखी नहीं रही हैं। तेज बारिश होती तो गांवों में पानी बहकर गणेश मूर्ति तैयार करने के लिए जरूरी अच्छी मिट्टी मिल जाती थी। रिमझिम बारिश होने से रेत मिश्रित मिट्टी मिल रही है। इसी को पाउडर बनाकर रेत हटाकर मूर्तियों को तैयार करना पड़ रहा है। मिट्टी की मूर्तियों को तैयार करने के लिए जगह की जरूरत होने के बारे में पिछली बार जिला प्रशासन की ओर से आयोजित बैठक में मांग की गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी एसबी बोम्मनहल्ली, महानगर निगम आयुक्त मेजर सिध्दलिंगय्या हिरेमठ ने जगह उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, जो बाद में पूरा नहीं हुआ। अब दोनों का तबादला हो गया है। मौजूदा जिलाधिकारी तथा महानगर निगम आयुक्त से पूछने पर इस वर्ष भी वही आश्वासन मिला। गणेश पूर्णाकर, मूर्तिकार

सख्ती बरतें
पिछले वर्ष जिला प्रशासन की बात को तरजीह देते हुए मिट्टी की मूर्तियों को तैयार किया था। आखरी पल में पीओपी मूर्तियों को मौका देने से मिट्टी की मूर्तियां ऐसे ही बच गईं। इसके चलते इस बार कठिन कार्रवाई करनी चाहिए। पीओपी की मूर्तियों को बाजार में आने नहीं देना चाहिए इन्हें सख्ती से रोकना चाहिए। बालकृष्ण, मूर्ति, तैयार करने वाला कलाकार

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