किसान संघ के अध्यक्ष मल्लनगौड तुम्बद ने कहा कि केंद्र में यूपीए सरकार के समय भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव किया गया था, जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि कोई भी भूमि बिना किसान की मर्जी के अधिग्रहण नहीं की जा सकेगी। भूमि की एवज में दी जाने वाली मुआवजा राशि जमीन की बाजार कीमत से चार गुना ज्यादा देनी होगी। शहर की सीमा में रहने पर जो बाजार के दाम हैं उससे दो गुना अधिक भुगतान करना होगा।
अधिग्रहण की गई भूमि पूरी तरह सार्वजनिक उद्देश्य के लिए ही उपयोग की जाएगी, परन्तु अब सरकार भूमि अधिग्रहण नियमों में बदलाव लाने की तैयारी में है। तुम्बद ने कहा कि राजस्व मंत्री किसानों के हितों की रक्षा करने के बजाय नियमों में बदलाव करने की तैयारी में है जो अनुचित है।
इस मौके पर चितरगी संस्थानमठ के प्रमुख गुरूमहांतस्वामी ने भी किसानों को संबोधित कर रैली को रवाना किया। रैली एस.आर. कंठी सर्किल से शुरू होकर बसवेश्वर सर्किल के पास राष्ट्रीय रामार्ग पर पहुंच कर धरने के रूप में परिवर्तित हो गई। इस दौरान सडक़ वाहनों की कतार लग गई।
किसानों तहसीलदार व्यासराय देशमुख को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। धरने में महांतेश अंगडी, नागराज होंगल, कृष्णा जालीहाल, गुरु गाणगेर, भारती शेट्टर, सचिन चैगूर, श्यामसुंदर तलवार, सागर नगरी, रहमान दोड्डमनी समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।