उन्होंने कइयों की जान गंवाने के लिए राज्य सरकार की योजनाओं और तैयारी की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा ‘सरकार लोगों को चिकित्सा देखभाल, ऑक्सीजन बेड और टीकाकरण समय पर देने में विफल रही। परिणामस्वरूप डॉक्टर लोगों की जान नहीं बचा सके।Ó उन्होंने राज्य सरकार से ‘डेथ ऑडिट’ की मांग करते हुए कहा कि इससे कोविड -19 से होने वाली मौतों का वास्तविक आंकड़ा सामने आएगा। अगर केंद्र अथवा राज्य सरकार कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों के लिए कोई कल्याणकारी योजना घोषित करती है तो उन्हें इसका लाभ कैसे मिलेगा।
शिवकुमार ने वैक्सीन की खरीद के लिए कांग्रेस विधायकों को क्षेत्रीय विकास निधि की राशि का उपयोग करने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक और सांसद 900 रुपए प्रति खुराक की दर से निजी अस्पतालों में लोगों को टीका दिलवा रहे हैं लेकिन, कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी की एक-एक पैसा जरूरतमंदों के टीकाकरण पर खर्च हो। केंद्र सरकार ने लोगों को टीका लगाने के अपने प्राथमिक कर्तव्य से खुद को अलग कर लिया है। केंद्र में ऐसी कोई सरकार नहीं रही जो अपने कर्तव्यों से इस कदर मुंह मोड़ ले।
मुख्यमंत्री बी एस येडियूरप्पा पर निशाना साधते हुए शिवकुमार ने कोरोना राहत पैकेज को ‘रील पैकेज’ करार दिया और कहा कि यह ‘रीयल पैकेज’ नहीं है जो गरीबों की मदद करे। पहली लहर के दौरान घोषित आर्थिक पैकेज का 25 फीसदी भी लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा। इस बार भी राज्य सरकार ने बिना मन के पैकेज का ऐलान किया है।