शिवकुमार ने शुक्रवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि कावेरी नदी से समुद्र में प्रवाहित हो जाने वाले पानी को रोकने के लिए तमिलनाडु सरकार यदि बिलीगोंडुलु के पास कोई बांध बनाती है तो कर्नाटक को कोई आपत्ति नहीं है।
कावेरी नदी जल विवाद पंचाट, उच्चतम न्यायालय तथा कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्लूएमए) द्वारा कर्नाटक के लिए निर्धारित पानी का हम इस्तेमाल करेंगे। 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाली मैकेदाटु परियोजना का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
राज्य सरकार ने इस पर अब तक 400 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। मंत्री ने कहा कि सीडब्लूएमए ने राज्य के कावेरी बेसिन के जलाशयों में पानी का पर्याप्त पानी आने पर ही पानी छोडऩे को कहा है। कर्नाटक की ओर से प्राधिकरण को बता दिया गया है बारिश की कमी के कारण जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं है।
मनमर्जी की फसल उगाने का समय गया मंड्या में सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे किसानों के धरने पर मंत्री ने कहा कि अब कावेरी के जलाशयों से पानी छोडऩा हमारे हाथ में नहीं है। जलाशयों में उपलब्ध पानी का इस्तेमाल करके कौन-कौन सी फसलों की बुवाई करनी चाहिए, इस बारे में मंड्या जिले के जन प्रतिनिधियों को किसानों में जागरूकता उत्पन्न करनी होगी। मनमर्जी के मुताबिक फसलों को उगाने का समय चला गया है।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि मंड्या जिले में पकने के लिए तैयार धान की फसल के लिए पानी छोडऩे के संबंध में जानकारी जुटाकर आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि मंड्या जिले में पकने के लिए तैयार धान की फसल के लिए पानी छोडऩे के संबंध में जानकारी जुटाकर आवश्यक उपाय किए जाएंगे।