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किसी की मदद कर अभिमानी नहीं, कृतज्ञ बनें

locationबैंगलोरPublished: Sep 21, 2018 06:39:19 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

व्यक्ति अपनी व्याख्या कर व्यक्तित्व की परिभाषा को जान सकता है

jainism

किसी की मदद कर अभिमानी नहीं, कृतज्ञ बनें

बेंगलूरु. स्थानकवासी जैन श्रावक संघ चिकपेट शाखा के तत्वावधान में गोडवाड़ भवन में उपाध्याय प्रवर रविंद्र मुनि के सान्निध्य में रमणीक मुनि ने कहा कि भाव, प्रेम, अमृतधारा, इन पदों की प्रत्येक पंक्ति में आत्मा का अमृत भरा है। इस अमृत का पान श्रावक कितना कर पाएंगे यह तो नहीं पता लेकिन श्रावक इस अमृत पान के रहस्यों का श्रवण करते करते उनकी दृष्टि, जीवनशैली में परिवर्तन आए तभी सौभाग्य की बात होगी।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी विचारधारा को ईमानदारी से जानने का प्रयास करना चाहिए। किसी न किसी भावना से हर व्यक्ति जुड़ा हुआ होता है। इसी आधार पर व्यक्ति अपनी व्याख्या कर व्यक्तित्व की परिभाषा को जान सकता है यानी परमात्मा के योग्य वह है या नहीं, इसका भी अनुमान लगाया जा सकता है।
शस्त्र और शास्त्र बनाने वालों का जिक्र करते हुए कहा कि जो दूसरों की कमियां निकालने के लिए शास्त्र पढ़ते हैं उनके लिए शास्त्र, शास्त्र नहीं बल्कि शस्त्र होता है। जो अपने आप को ढूंढने-समझने के लिए शास्त्र पढ़ता है उनके लिए शास्त्र उपयोगी नाव की तरह सहारा व संबल बन जाता है। साधना के आधार पर लोगों को प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन कोई भी क्रिया व्यक्ति के लिए क्रिया कांड नहीं बननी चाहिए। कषायों में बढ़ोतरी से ही क्रिया कांड बनता है।
तपस्वी में प्रेम, मैत्री भाव होना भी आवश्यक है। आनंद यानी समता भाव आना भी जरूरी है। सेवा या मदद कर के अभिमान करना आसान होता है। सेवा करके ऐसी अनुभूति होनी चाहिए कि सामने वाले के ही उपकार से दाता बना हूं सामने वाले को इस दृष्टि से देखने पर अभिमान नहीं कृतज्ञता आती है। दूसरों की भलाई में अपना भला यानी व्यक्ति को स्वयं को आनंद सुकून मिलना चाहिए।
प्रारंभ में उपाध्याय रविंद्र मुनि मंगलाचरण किया। ऋषि मुनि ने स्तवन गीतिका सुनाई। सभा में पारस मुनि ने मांगलिक प्रदान की। चिकपेट शाखा के महामंत्री गौतमचंद धारीवाल ने बताया कि गुरुभक्ति में शकुंतला देवी एवं विकास जैन का कार्याध्यक्ष प्रकाशचंद बम्ब, गौतम चंद धारीवाल, प्रकाशचंद ओस्तवाल, उत्तमचंद मूथा व महिला शाखा अध्यक्ष रंजना गुलेच्छा, मंत्री पुष्पा बोहरा, इंदिरा बम्ब, प्रेमा बोहरा, बबीता श्रीश्रीमाल व संतोष ओस्तवाल ने सम्मान किया।
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