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चिकित्सकों, नर्सों व आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांगा जवाब

locationबैंगलोरPublished: Apr 13, 2020 10:28:06 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– पीपीइ के बिना कैसे हो काम

कोरोना वायरस: इज्जतनगर रेलवे बनाएगा पीपीई किट, आईवीआरआई में होगी सैम्पल की जांच

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बेंगलूरु. कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) प्रभावित क्षेत्रों में असुरक्षा व भीषण परिस्थितयों के बीच कई आशा कार्यकताएं सेवाएं देने पर मजबूर हैं। इनकी मानें तो ज्यादातर कार्यकर्ताएं व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (Personal protective equipment- पीपीइ) के बिना काम कर रही हैं। ऐसे में इन पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। सूत्रों की मानें तो कई आशा कार्यकर्ताएं इस उदासीन सरकारी रवैये से नाखुश हैं। इन्होंने सरकार व स्वास्थ्य महकमे से पीपीइ उपलब्ध कराने की अपील की है। नहीं तो निकट भविष्य में इनके लिए काम कर पाना संभव नहीं होगा।

आशा कार्यकर्ता (Asha Workers) ही नहीं, चिकित्सक व नर्स भी पर्याप्त पीपीइ उपलब्ध नहीं होने से खफा हैं। उन्होंने साफ किया है कि जान जोखिम डाल काम करना उनके और परिजनों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा। वैसे भी देश भर से चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने वे मौत से ये खौफजदा हैं।

10 मार्च को कलबुर्गी के 75 वर्षीय व्यक्ति की कोविड-19 से मौत व बाद में उपचार करने वाले चिकित्सक के संक्रमित होने की घटना के एक माह बाद भी सरकार पीपीइ उपलब्ध करा पाने में विफल है। हालांकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी. श्रीरामुलू ने एक सप्ताह के अंदर चरणबद्ध तरीके से समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पीपीइ किट उपलब्ध है। चिकित्सकों, नर्सों व आशा कार्यकर्ताओं की शिकायत दूर करेंगे।

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या कम है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर मरीजों के सेकंडरी कॉन्टैक्टस की जांच नहीं हुई है। जांच होने पर पुष्ट मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी।

श्रीरामुलू ने कहा कि मंगलवार से कलबुर्गी और चिकबल्लापुर जैस हॉट स्पॉट जिलों में सेकंडरी कॉन्टैक्टस की जांच शुरू करने की योजना है। अब करीब एक लाख जांच किट उपलब्ध हैं। मरीजों के संपर्क में आए हर व्यक्ति की जांच होगी।

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