जांच से पता चला है कि आरोपियों ने अभी तक दो सौ लोगों को जमानत दिला कर उनसे लाखों रुपए प्राप्त किए हैं। वह खुद को कीमती जमीन का मालिक बताकर घोषणा पत्र और राजस्व विभाग या ग्राम पंचायत से दिए जाने वाले दस्तावेजों की तर्ज पर फर्जी दस्तावेज बनाते थेे।
आरोपियों ने मकान में प्रिंटिंग प्रेस, स्कैनिंग मशीन, कंप्यूटर और अन्य प्रिटिंग सामग्री मिली। पुलिस ने सभी चीजें जब्त कीं।
जमानत के बाद नहीं आते न्यायालय
पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बताया कि जमानत पर रिहा हुए सभी आरोपी सुनवाई के लिए न्यायालयों में हाजिर नहीं होते थे।
जमानत के बाद नहीं आते न्यायालय
पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बताया कि जमानत पर रिहा हुए सभी आरोपी सुनवाई के लिए न्यायालयों में हाजिर नहीं होते थे।
समन और वारंट जारी होने तथा आरोपियों के न्यायालयों में पेश नहीं होने पर न्यायालयों से पुलिस को फटकार लगी थी। उसी कारण इस तरह के मामलों में जांच के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) के नेतृत्व में एक विशेष दल गठित किया गया।
इस दल ने न्यायालयों से जारी समन और वारंटों का विवरण संग्रहित कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।