स्वयं के लिए समय नहीं निकालता, वह पश्चाताप करता है
बैंगलोरPublished: May 30, 2020 04:09:09 pm
धर्मसभा में बोले डॉ. समकित मुनि
स्वयं के लिए समय नहीं निकालता, वह पश्चाताप करता है
बेंगलूरु. गणेशबाग संघ, बेंगलूरु के तत्वावधान में गुरु गणेश जैन स्थानक, गणेश बाग में विराजित श्रमण संघीय डॉ.समकित मुनि ने शनिवार को कहा कि गुणों का स्मरण करना, उनकी भक्ति करना यानि स्वयं को परमात्मा की ऊर्जा के साथ जोडऩा है। जब हम स्वयं को भगवान के साथ जोड़ लेते हैं तो हमारे भीतर से नकारात्मक शक्तियां बाहर निकल जाती हंै और हम सकारत्मकता से भर जाते हैं। वह पल क्षण सार्थक हो जाते हंै जिस पल हम अपने आपको भगवान की भक्ति में लगा देते हैं। संसार के लिए दिया समय व्यर्थ हो जाता है। व्यक्ति को रिश्ते – नाते, घर – परिवार, धन दौलत अच्छी लगती है लेकिन परमात्मा कहते हैं कि जो इनके पीछे पागल बना रहता है, स्वयं के लिए समय नहीं निकालता वह अंत समय पश्चाताप करता है।
आत्मगुणों के परिपूर्ण विकास का नाम ही मोक्ष है। मोक्ष को वही प्राप्त करता है जो दान – पुण्य – धर्म में सम्यक पुरुषार्थ करता है। मुड़-मुड़ कर पीछे देखने वाले इतिहास नहीं बना पाते। वे लोग इस संसार में अमर हो जाते हैं जो भगवत वाणी में आनंद लेते हुए परमात्म भक्ति कि और कदम बढ़ाते हुए अपनी इस लोक कि यात्रा को संपन्न करते हैं। परमात्मा के साथ जुडक़र हम भी परमात्मा बन सकते हैं। ऐसी अमृतमयी वाणी फरमाते हुए मुनि ने मंगलपाठ प्रदान किया।
जयवंत मुनि ने परमात्मा भक्ति भजन प्रस्तुति किया। गणेश बाग संघ के कोषाध्यक्ष ने संचालन करते हुए बताया डॉ. समकित मुनि का चातुर्मास अशोकनगर (शूले) में होना निश्चित हुआ है।