उन्होंने कहा कि यदि खुद को पता है कि हम क्या हैं, और हम क्या बनना चाहते हैं तो मंजिल की ओर जाने वाला रास्ता आसान हो जाता है। लक्ष्य निर्धारण के साथ-साथ उसके परिणाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि आप आशावादी हैं व आत्मविश्वास है, कठिन परिश्रम करने से नहीं कतराते तो सब कुछ संभव है।
आचार्य ने कहा कि किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए धैर्य और आत्मविश्वास का बना रहना जरूरी है, इसके साथ ही अपनी कामयाबी के प्रति आपके मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। अपनी तुलना दूसरों के साथ ना करें क्योंकि खुद पर विश्वास करने से ही मंजिल मिल सकती है।