script१४ साल की जेल में भी सपना उसका पीछा करता रहा | dream followed him even in 14 years in jail | Patrika News

१४ साल की जेल में भी सपना उसका पीछा करता रहा

locationबैंगलोरPublished: Feb 17, 2020 05:56:43 pm

dream followed him even in 14 years in jail: कहते हैं सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। हालात कितने भी प्रतिकूल क्यों नहीं हों, यदि सपनों में जान है तो सामने पूरा आसमान है। कर्नाटक के इस डॉक्टर की कहानी भी ऐसी है।

१४ साल की जेल में भी सपना उसका पीछा करता रहा

१४ साल की जेल में भी सपना उसका पीछा करता रहा

बेंगलूरु. कहते हैं सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते। हालात कितने भी प्रतिकूल क्यों नहीं हों, यदि सपनों में जान है तो सामने पूरा आसमान है। कर्नाटक के इस डॉक्टर (doctor) की कहानी भी ऐसी है। हत्या के मामले में १४ साल जेल में बिताए लेकिन सपना लगातार उनका पीछा करता रहा। डॉक्टर नहीं बन पाने की टीस उन्हें कचोटती रही।
कुछ ऐसी है कहानी
कलबुर्गी के अफजलपुरा निवासी 40 वर्षीय सुभाष पाटिल की कहानी किसी फिल्म की तरह ही है। उन्होंने 1997 में एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला लिया था। 2002 में हत्या के एक मामले में जेल हो गई।
अवैध संबंधों से जेल तक का सफर
पाटिल को नवंबर 2002 में एक आबकारी ठेकेदार अशोक गुटेदार की हत्या के आरोप में बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वे गुलबर्गा के महादेवप्पा रामपुर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र थे। जांच से पता चला था कि पाटिल का गुटेदार की पत्नी पद्मावती के साथ संबंध था और पद्मावती की मदद से गुटेदार की हत्या कर दी। इस मामले में पाटिल के साथ पद्मावती को भी गिरफ्तार किया गया था।
5 फरवरी, 2006 को एक फास्ट-ट्रैक अदालत ने पद्मावती और पाटिल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कारावास की सजा के दौरान उन्होंने 2007 में पत्रकारिता में अपना डिप्लोमा पूरा किया और 2010 में कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए भी किया।
अच्छे व्यवहार के कारण 2016 में पाटिल को रिहा कर दिया गया। 2016 में उन्होंने राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज को एमबीबीएस जारी रखने की अनुमति मांगी और विश्वविद्यालय ने कानूनी राय प्राप्त करने के बाद उन्हें मंजूरी दे दी। जेल से बाहर आकर उन्होंने 2019 में एमबीबीएस पूरा किया।
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