खासकर राज्य के महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, गोवा, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के सैकड़ों गांव सडक़, बिजली, पानी, चकित्सा, श्ेिाक्षा जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने वर्ष 2007 में राज्य के कई गांवों में रात्रि विश्राम काम शुरू किया था। रायचूर जिले का अकलकंपी गांव के 90 फीसदी से अधिक तर परिवारों ने मकान को ताला लगाकर शहरों की ओर पलायन किया है। बेलगावी जिले के सुन्नाले पुनर्वास केंद्र से विद्यार्थियों को स्कूल के लिए अब पथरीले रास्ते से दो किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है।
बीदर जिले के जमखंडी तथा जोंडी मुखेड, कलबुर्गी जिले के हेरुर तथा लेगंटे, बल्लारी जिले के कमत्तूर, रामगड़, कोप्पल जिले के हनिमनाल, सेवालाल तांडा, बागलकोट जिले का अनंतगिरी, विजयापुर जिले के गोविंदपुर, आनेगुडु, बेलगावी जिले के धामणी, धारवाड़ जिले के कंडली, कोंगवाड, गदग के होसा रामपुर, हावेरी के गुलेरदोड्डी, कोलार के सोमरासनहल्ली, मुजरा इंदिरानगर, चिकबल्लापुर के चन्नेनहल्ली, पार्वतीपुरम, रामनगर के इरुलीगेरे, हासन के होंगडनहल्ली, मंड्या के अनंतनहल्ली, होसादोड्डी, कोडुगू के यडवनाडु, दोड्डहड्लूकाडी, मैसूरु के बिल्लेनहल्ली, चामराजनगर किे गुडडेकेरी गिरिजन कॉलोनी तथा दोड्डाणे गांव के निवासी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनके गांव में रात्रि विश्राम करें, ताकि यहां के प्रशासन की नींंद खुले और बहुप्रतीक्षित बुनिवादी सुविधाएं मिलें।