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विप की सदस्यता मेरे त्याग का प्रतिफल : विश्वनाथ

locationबैंगलोरPublished: Jun 21, 2021 05:03:42 pm

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

कांग्रेस तथा जनता दल-एस के 1७ विधायकों के त्यागपत्र के कारण भाजपा की सरकार

विप की सदस्यता मेरे त्याग का प्रतिफल : विश्वनाथ

विप की सदस्यता मेरे त्याग का प्रतिफल : विश्वनाथ

विप की सदस्यता मेरे त्याग का प्रतिफल : विश्वनाथ
मैसूरु. सत्तारुढ़ भाजपा के असंतुष्ट विधान पार्षद एएच विश्वनाथ लगातार पार्टी पर हमलावर हैं। विश्वनाथ ने रविवार को कहा कि विधान परिषद की सदस्यता भाजपा की देन नहीं बल्कि मेरे त्याग को मिला प्रतिफल है। वे पार्टी की सरकार पर निर्भर नहीं हैं बल्कि सरकार उनके साथ पार्टी में आए विधायकों पर निर्भर है।
उन्होंने रविवार को तहसील मुख्यालय पिरियापट्टण में कहा कि जो भाजपा नेता उनसे विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र देने की मांग कर रहे हैं, उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस तथा जनता दल-एस के 1७ विधायकों के त्यागपत्र के कारण भाजपा की सरकार बन सकी है।
उन्होंने कहा कि वे गत चार दशकों से राजनीति में हंै। उन्हें भाजपा के विधायकों से कुछ भी सीखने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने ही त्याग से बनी इस सरकार पर कतई निर्भर नहीं हैं। इसके विपरीत यह सरकार ही कांग्रेस तथा जनता दल-एस छोडकर भाजपा में आए विधायकों पर निर्भर है। भाजपा नेताओं को अनर्गल बयानबाजी करने से पहले इस बात को ध्यान रखना चाहिए।
कन्नड़ भाषा संस्कृति की अनदेखी करने का आरोप
बेंगलूरु. केंद्र में चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की, हर सरकार ने हमेशा कन्नड़ भाषा तथा संस्कृति की अनदेखी की है। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि लोकसभा सचिवालय के पार्लियामेंटरी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी ने 22 जून से प्रस्तावित ऑनलाइन परीक्षा में गुजराती, मराठी, उडिय़ा, तमिल, तेलुगु भाषाओं को वरीयता दी है। लेकिन सूची में कन्नड़ भाषा नहीं है। इसके बावजूद भाजपा के 25 सांसदों के मौन से स्पष्ट है कि उन्हें कन्नड़ भाषा संस्कृति की कोई चिंता नहीं है। इस ऑनलाइन परीक्षा में सांसद तथा प्रशासनिक अधिकारी भाग लेते है।
उन्होंने कहा कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ने कन्नड़ भाषा के लिए कोई योगदान नहीं दिया है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल तथा तमिलनाडु के सांसद तमिल भाषा और अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए दलगत राजनीति से उपर उठकर संघर्ष करते हैं लेकिन राज्य का प्रतिनिधित्व करनेवाले सांसदों में ऐसी एकजुटता नहीं मिलती है। एक मजबूत क्षेत्रीय दल होने के कारण जनता दल एस इस खामी को पूरा करने का हरसंभव प्रयास करेगा।
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