कहने के लिए कुछ नहीं, छोटा हो रहा भाषण
राहुल ने मोदी पर झूठे वादे और कोरे आश्वसन को आरोप लगाते हुए कहा कि अब उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है इसलिए अब उनका भाषण भी छोटा होता जा रहा है। पिछले चार साल में स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के सबसे छोटे भाषण पर तंज कसते हुए राहुल ने कहा कि अब उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है जिसके कारण अब वे कम बोलने लगे
हैं।
राहुल ने कहा कि मोदी ने दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करने का वादा किया था लेकिन बेरोजगारी की दर पिछले ८ साल के उच्चतम स्तर पर है। मोदी ने १५ अगस्त को भाषण में इसका कोई जिक्र नहीं किया। राहुल ने दो महीने से भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर चल रहे विवाद को लेकरभी मोदी पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि जब कुछ महीने चीनी राष्ट्रपति भारत आए थे जब मोदी उनसे गलबहियां कर रहे थे उस वक्त चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुस आए।
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर भी राहुल ने मोदी सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वास्थ्य बजट में भारी कटौती कर दी जिसके कारण आज अस्पतालों के पास ऑक्सीजन खरीदने के लिए भी धन नहीं हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुखातिब होते हुए कहा कि मोदी आपको यह नहीं बताएंगे कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण गोरखपुर में ९० बच्चों की मौत हो गई।
किसी पड़ोसी से अच्छे रिश्ते नहीं
मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा कि आज किसी भी पड़ोसी देश से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं। राहुल ने कहा कि कश्मीर ही नहीं, पड़ोसी देशों से खराब संबंधों के लिए मोदी सरकार की नीति जिम्मेदार है। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो पाकिस्तान और चीन को छोडक़र सभी पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध थे। उन्होंने मित्र राष्ट्रों से रिश्ते खराब होने के लिए भी मोदी सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आज हालत यह है कि हमारा पुराना मित्र रूस भी पाकिस्तान को हथियार बेच रहा है।
१० साल की मेहनत, एक महीने में बर्बाद
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी करने का मौका मिला है। सरकार की नीतियों के कारण ऐसा स्थिति बनी है कि पाकिस्तान इस समस्याग्रस्त राज्य में हालात खराब करने के लिए काम कर रहा है। राहुल ने यह बात स्वतंत्रता दिवस पर मोदी के उस बयान के बाद कही है जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर का हल गाली और गोली से नहीं, गले लगाने से निकलेगा।
मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में गुस्से और नफरत का माहौल पैदा कर दिया है। इस हिंसा और द्वेष से सिर्फ पाकिस्तानियों को फायदा हुआ है। राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ चुपचाप बिना किसी तमाशे के कश्मीर मुद्दे पर काम किया था।
उन्होंने कहा कि हमने पी. चिदम्बरम और जयराम रमेश जैसे नेताओं के साथ कश्मीर के लिए 10 साल तक काम किया था, लेकिन मोदी सरकार ने इन प्रयासों को सिर्फ एक महीने में ही बर्बाद कर दिया। गांधी ने कहा कि 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के शासन के बाद कश्मीर मसले को सुलझाने की कोशिशें शुरु की थीं जबकि उनके दौर में कश्मीर जल रहा था। उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार की सबसे बड़ी सफलता यही थी कि उन्होंने 10 साल के दौरान जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल बनाया था।
हमने पंचायत चुनाव कराए, रोजगार के मुद्दे पर काम किया और हजारों लोगों को बैंकों से जोड़ा। इसकी वजह यह थी कि हम कश्मीर में शांति और सौहार्द्र स्थापित करना चाहते थे।