दशहरा कार्यकारी समिति बैठक में उभरा गबठंधन दलों का टकराव
बैंगलोरPublished: Sep 15, 2018 12:10:55 am
दशहरा पोस्टर में नाम और फोटो नहीं होने से नाराज हुए कांग्रेस के पुट्टरंगा शेट्टीजद-एस पर लगाया कांग्रेस नेताओं की उपेक्षा का आरोप
दशहरा कार्यकारी समिति बैठक में उभरा गबठंधन दलों का टकराव
मैसूरु. राज्य की गठबंधन सरकार के बीच अक्सर चलने वाली खींचतान से मैसूरु दशहरा भी अछूता नहीं रह पाया है। शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में दशहरा कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस विधायक और चामराजनगर जिला प्रभारी मंत्री सी. पुट्टरंगा शेट्टी ने मैसूरु जिला प्रभारी मंत्री जीटी देवेगौड़ा की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में आरोप लगाया कि जद-एस बैठक और दशहरा महोत्सव पर अपना आधिपत्य जमाने में लगी है। वे बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए, जिससे देवेगौड़ा को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
दरअसल बैठक में जब जीटी देवेगौड़ा और राज्य के पर्यटन मंत्री सारा महेश ने दशहरा महोत्सव का पोस्टर लांच किया तब उस पर पुट्टरंगा शेट्टी की न तो तस्वीर थी और ना ही नाम, जबकि शेट्टी भी कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। इसी प्रकार आमंत्रण पत्र में शेट्टी के नाम का कोई जिक्र नहीं था। शेट्टी ने इस पर आपत्ति जताई और खुलेआम देवेगौड़ा से सवाल किया किया कि उनका नाम और फोटो क्यों नहीं है? शेट्टी ने इस पर भी आपत्ति जताई कि सारा महेश को कार्यकारी समिति में उपाध्यक्ष बनाया गया है जबकि उन्हें सिर्फ सदस्य के रूप में शामिल किया गया है जबकि पिछले वर्ष-२०१७ में चामराजनगर के मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया था। शेट्टी ने आरोप लगाया कि जद-एस के नेता दशहरा महोत्सव से कांग्रेस के मंत्रियों को किनारे कर रहे हैं। हालांकि देवेगौड़ा के हस्तक्षेप के बाद शेट्टी शांत हो गए लेकिन वे बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए।
शेट्टी ने बाद में मीडिया से कहा कि जद-एस अपने सहयोगी कांग्रेस की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने खुद को उपाध्यक्ष नहीं बनाए जाने पर भी घोर आपत्ति दर्ज की और कहा कि वे पूरे मामले को पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के संज्ञान में लाएंगे क्योंकि वे समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। हम उन्हें बताएंगे कि कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर दशहरा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन से किनारे किया जा रहा है।
विवाद बढ़ा तब बनाया उपाध्यक्ष
शेट्टी के बीच में ही बैठक छोड़कर जाने के बाद देवेगौड़ा की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में निर्णय लिया गया कि सारा महेश (जद-एस) के अतिरिक्त दो और उपाध्यक्ष बनाए जाएंगे जिसमें पुट्टरंगा शेट्टी (कांग्रेस) और एन. महेश (बसपा) का नाम शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार शेट्टी के विद्रोही तेवर को देखते हुए तीन उपाध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया है क्योंकि एन. महेश भी पड़ोसी जिले मंड्या से आते हैं।