इन हाथियों में शोभा यात्रा के दौरान 750 किलोग्राम वजन के स्वर्ण हौदे को उठाकर ले जाने वाला 58 वर्षीय हाथी अर्जुन के अलावा वरलक्ष्मी, चैत्रा, विक्रम, धनंजय तथा गोपी भी शामिल हैं। 13 सालों तक दशहरा के दौरान स्वर्ण हौदा उठाने वाला हाथी बलराम, अभिमन्यु तथा द्रोण अगले सप्ताह इन हाथियों के दल में शामिल होंगे। हाथियों का दूसरा दल अगले पखवाड़े मैसूरु पहुंचेगा।
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री व मैसूरु जिला प्रभारी मंत्री जी टी देवेगौड़ा, हुणसूर के विधायक व प्रदेश जनता दल-एस अध्यक्ष एएच विश्वनाथ, पर्यटन मंत्री सा रा महेश, पूर्व मंत्री तनवीर सेत ने नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार पर स्थित वीरनहोसाहल्ली में दल के मुखिया अर्जुन नामक हाथी की पारंपरिक पूजा के साथ कार्यक्रम का आगाज किया।
इस मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में वीरनहोसा हल्ली की आश्रम स्कूल के आदिवासी विद्यार्थियों तथा तिब्बती केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों ने विविध सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी और लोककला समूहों के कलाकारों ने भी अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी अभिराम बी. शंकर के अलावा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। कुछ दूरी तक पैदल चलने की रस्म पूरी करने के बाद हाथियों का अलग-अलग ट्रकों में मैसूरु लाया गया।
हाथियों को अभी मैसूरु शहर के बाहरी इलाके अशोकपुरम स्थित वन विभाग के मुख्यालय अरण्य भवन में रखा गया है।
दशहरा महोत्सव में भाग लेने वाले 12 हाथियों का 34 लाख की बीमा करवाया गया है और बीमा के प्रीमियम के के तौर पर 40,120 रुपए का भुगतान किया गया है। 12 महावतों व कावडिय़ों की भी एक एक लाख रुपए का बीमा किया गया है। इन हाथियों को मैसूरु महल परिसर में रखा जाएगा और दशहरा के एक दिन पहले तक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।