विश्वविद्यालयों को पहले निर्देश दिया गया था कि सभी फाइलें ई-ऑफिस के जरिए जमा कराएं। लेकिन, संज्ञान में आया है कि कुछ विश्वविद्यालयों ने ऐसा करने के पूर्व निर्देश के बावजूद अभी भी ई-ऑफिस का उपयोग शुरू नहीं किया है।
मंत्री ने कहा कि उनका कार्यालय पूरी तरह से ई-ऑफिस के आधार पर काम कर रहा है। फिर भी विश्वविद्यालयों से पत्र, फाइलें और प्रस्ताव भौतिक प्रारूप में भेजे जा रहे थे। इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे ई-ऑफिस के क्रियान्वयन का मूल उद्देश्य ही विफल हो गया है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ई-ऑफिस का उद्देश्य सेवाओं के त्वरित वितरण को सक्षम बनाना और सिस्टम में पारदर्शिता लाना है। यदि विश्वविद्यालय वर्तमान कार्य पैटर्न के अनुकूल नहीं होते हैं तो विश्वविद्यालय अप्रासंगिक हो जाएंगे।
मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कार्यान्वित किए जा रहे यूनिफाइड यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम, नेशनल एकैडमिक डिपॉजिटरी और डिजिटाइजेशन पर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई है।
एनसीसी महानिदेशक ने किया राज्य का दौरा
बेंगलूरु. नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह ने कर्नाटक और गोवा निदेशालय का दो दिवसीय दौरा किया। इस दौरान उन्हें राज्य में चल रही एनसीसी की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने एनसीसी में उत्कृष्ट योगदान के लिए मेधावी कैडेटों, नौसेना अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया।
गुरबीरपाल सिंह राज्यपाल थावरचंद गहलोत से भी मिले और उन्हें कर्नाटक एवं गोवा निदेशालय के कैडेटों के उत्कृष्ट योगदान से अवगत कराया। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथ नारायण से भी भेंट की और विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में एनसीसी के कार्यान्वयन सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। शाम को उन्होंने एनसीसी ने अधिकारियों, कर्मचारियों को संबोधित किया। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल थावरचंद गहलोत से भी शिष्टाचार भेंट की।