लोक शिक्षा विभाग के कार्यवाहक आयुक्त एमटी रेजू को ज्ञापन सौंप बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग की है। एसोसिएशन के महासचिव डी. शशिकुमार ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा विभाग ने अब तक बढ़ी हुई कीमतों को सार्वजनिक नहीं किया है। ऐसे में अभिभावकों को लगता है कि स्कूल ने कीमत बढ़ाई है। कई अभिभावक स्कूल प्रबंधन पर अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे हैं।शशिकुमार ने बताया कि जरूरत के हिसाब से स्कूल दिसम्बर-जनवरी में टेक्स्ट बुक विभाग को पुस्तक के लिए आर्डर देते हैं।
जनवरी तक सब कुछ ठीक था। पुरानी दरों पर ही पुस्तक उपलब्ध होने थे। अभिभावक पहले ही भुगतान कर चुके हैं। कुछ सप्ताह पहले स्कूलों के प्रतिनिधि जब पुस्तक लेने गए तो उन्हें बताया गया कि किताबों की कीमत बढ़ गई है। इसलिए अंतर राशि का भुगतान करना होगा। पूछने पर पता चला कि करीब दो माह पहले कीमत बढ़ाई गई है। लेकिन प्राथमिक शिक्षा विभाग ने अब तक अधिसूचना जारी नहीं की है।
सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। शशिकुमार के अनुसार मांग के अनुसार पुस्तक की आपूर्ति नहीं हो रही है। प्राथमिक शिक्षा विभाग के निदेशक एस जयकुमार ने बताया कि किताबें छप चुकी हैं। ६० फीसदी पुस्तक विभिन्न जिलों में भेजे जा चुके हैं। उन्होंने हासन, चित्रदुर्ग और दावणगेरे का खुद दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। कुछ सप्ताह की बात है। शेष पुस्तक भी उपलब्ध होंगे।
&पुस्तकों की कीमत बढऩा वार्षिक प्रक्रिया है। पुस्तकों की कीमत में २० फीसदी इजाफा हुआ है, लेकिन सभी पुस्तकों की कीमत में नहीं। दाम बढ़ाते समय अभिभावकों का ध्यान रखा गया है। एचएन गोपालकृष्ण, निदेशक, डीएसइआरटी।