केएएमएस के महासचिव डी. शशिकुमार की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर उन्हें शिकायत पत्र सांैपा। पत्र में कहा गया है कि बार-बार अपील के बावजूद विभाग ने गैर अनुदानित निजी स्कूलों के लिए शिक्षा के अधिकार के तहत एक बच्चे पर वार्षिक व्यय का विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। जबकि इसी आधार सरकार गैर अनुदानित निजी स्कूलों को आरटीइ प्रतिपूर्ति शुल्क का भुगतान करती है। बजटीय प्रावधानों के अनुसार शुल्क में संशोधन तक नहीं हुआ है।
शशिकुमार ने मांग की है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए लंबित प्रतिपूर्ति शुल्क का भुगतान संशोधित प्रति विद्यार्थी खर्च के अनुसार हो। शशिकुमार ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों पर अनावश्यक परेशान करने का आरोप भी लगाया है।