अनिल कभी चाय बेचने का
काम करते थे लेकिन अब रीयल एस्टेट का कारोबार करते हैं। मूलत: केरल के तिरुवंनतपुरम के रहने वाले अनिल के मुताबिक गरीबी के कारण वे सिर्फ तीसरी कक्षा तक पढ़ पाए। बाद में वे
रोजगार की तलाश में मुंबई चले गए और वहां कुछ कंपनियों के दफ्तर में चाय बेचते थे। कुछ वर्षो तक मुंबई में चाय बेचकर उन्होंने 3-4 लाख रुपए बचाए और फिर शादी कर ली। केरल से वे बेंगलूरु लौट आए और कई जगहों पर चाय की दुकान खोलकर कर्मचारियों के सहारे उसे चलाने लगे।
इसी दौरान संचित पूंजी से उन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश किया और यहीं से उनके जीवन में नया मोड़ आया। कारोबार में फायदा होने से उनके दिन बदल गए। अनिल कुमार ने नामांकन पत्र के साथ संपत्ति का जो हलफनामा पेश किया है, उसके मुताबिक उनके पास 339 करोड़ रुपए और पत्नी के पास 50 करोड़ रुपए की संपत्ति है। हलफनामे के अनुसार अनिल और उनकी पत्नी तथा परिजनों के नाम से 23 बैंक खाते हैं, जिसमे 6 करोड़ 73 लाख रुपए जमा है।
उनके पास 40 लाख रुपए के सोने के आभूषण तथा 40 एकड़ कृषि भूमि के साथ कुल 48 एकड़ जमीन है। शहर में उनके पास 13 लाख 41 हजार 118 वर्ग फीट वाणिज्य भूमि है, जिसका मूल्य 143 करोड़ 34 लाख रुपए आंका गया है। विभिन्न बैकों से उन्होंने 21 करोड़ 55 लाख रुपए का ऋण प्राप्त किया है। उनके पास 16 कार व 17 बाइक 1 जेसीबी, 1 टैंकर समेत 6 करोड़ 73 लाख रुपए मूल्य के 35 वाहन हैं। अनिल ने कांग्रेस से टिकट मांगा था लेकिन आवेदन निरस्त होने के बाद उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लडऩे का फैसला किया है।