व्यक्ति की सोच का प्रभाव काम पर- आचार्यं देवेंद्रसागर
बैंगलोरPublished: Jun 18, 2021 10:51:34 am
धर्मसभा का आयोजन
व्यक्ति की सोच का प्रभाव काम पर- आचार्यं देवेंद्रसागर
बेंगलूरु. जयनगर के धर्मनाथ जैन मंदिर के प्रांगण में प्रवचन में आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने कहा कि सोच में परिवर्तन करना कठिन लग सकता है किंतु यह असंभव नहीं है। बस इतनी सी शर्त है कि हम स्वयं परिवर्तन के लिए पहल करें तथा इस बदलाव के लिए भीतर से हमारी रजामंदी भी हों। इसके लिए हम कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं जैसे कि अपनी क्षमताओं पर अविश्वास ना करें क्योंकि प्राय: ऐसा देखा गया है कि कई बार काबिलियत होने के बावजूद ज्यादातर लोग किसी नए काम को शुरू करने से घबराते हैं। उन्हें यह लगता है कि वह यह काम करने में असमर्थ हैं, जबकि आत्मविश्वास के कारण कोई भी व्यक्ति किसी कार्य को अंजाम दे सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जैसा सोचता है उसका प्रभाव उसके काम पर भी वैसा ही पड़ता है। अगर आप किसी काम को शुरू करने से पहले ही असफलता की आशंका जता रहे हैं तो काम के खराब होने के 90प्रतिशत संभावना बनी रहती है। वहीं दूसरी ओर अपने उत्साह और जोश के साथ किसी काम को अपने हाथ में लेते हैं तो निश्चित ही अच्छा परिणाम निकल कर आता है। अक्सर बातचीत के दौरान हम नकारात्मक सोच जाहिर करते रहते हैं, जैसे कि यह काम तो बहुत मुश्किल है या फिर यह काम तो नामुमकिन है। दरअसल ऐसी बातें आप की कमियों को ही उजागर करता है। अत: आप अपनी बातचीत में सकारात्मक बातों को ही महत्व दें।