कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा में सैकड़ों टूरिस्ट गांव हैं। किफायती मेहमाननवाजी वाले इन गांवों को पर्यटन निदेशालय वैश्विक पहचान दिलाना चाहता है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) की ओर से दिए जाने वाले बेस्ट टूरिज्म विलेज (Tourism Village) पुरस्कार के लिए निदेशालय ने आवेदन मंगाए हैं।
राज्य के ज्यादा से ज्यादा गांवों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का आदेश पर्यटन निदेशालय ने छह क्षेत्रीय अधिकारियों और 33 जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दिया है। पर्यटन सेवा से जुड़े गांव 15 मई तक आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके लिए अधिकारी ग्रामीणों की मदद करेंगे। आवेदन पत्र prakash.om50@nic और gargi.mittal@gov.in पर भेजे जा सकते हैं। पिछले साल यूएनडब्ल्यूटीओ को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को मिला था।
ये गांव कर सकते हैं आवेदन
महाराष्ट्र पर्यटन विभाग के निदेशक मिलिंद बोरीकर ने बताया कि 15 लाख से कम आबादी वाले गांव पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि, वानिकी, पशुपालन व मछली व्यवसाय में से किसी एक से जुड़े होने चाहिए।
महाराष्ट्र पर्यटन विभाग के निदेशक मिलिंद बोरीकर ने बताया कि 15 लाख से कम आबादी वाले गांव पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि, वानिकी, पशुपालन व मछली व्यवसाय में से किसी एक से जुड़े होने चाहिए।
आवेदन बेस्ट टूरिज्म विलेज, अपग्रेड प्रोग्राम व बेस्ट टूरिज्म विलेजेज नेटवर्क के लिए कर सकते हैं। सांस्कृतिक और नैसर्गिक संसाधनों, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय पहलू, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि पैमाने पर आवेदनों का मूल्यांकन किया जाएगा।
पुरस्कार से मिलेगी पहचान
बोरीकर ने कहा कि महाराष्ट्र में बेहतर सुविधाएं हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि इस साल किसी न किसी कटेगरी में राज्य के गांवों को यूएनडब्ल्यूटीओ का पुरस्कार मिले। इससे दुनिया के नक्शे पर उस गांव की नहीं पर्यटन सेवा से जुड़े सभी गांवों की पहचान बढ़ेगी। विदेशी पर्यटक इस पर भरोसा करते हैं।
बोरीकर ने कहा कि महाराष्ट्र में बेहतर सुविधाएं हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि इस साल किसी न किसी कटेगरी में राज्य के गांवों को यूएनडब्ल्यूटीओ का पुरस्कार मिले। इससे दुनिया के नक्शे पर उस गांव की नहीं पर्यटन सेवा से जुड़े सभी गांवों की पहचान बढ़ेगी। विदेशी पर्यटक इस पर भरोसा करते हैं।