बेंगलूरु में सोमवार को लोगों ने घरों में रहकर ही नमाज पढ़ी और मोबाइल फोन के जरिए लोगों को ईद की मुबारकबाद दी। मस्जिदों में सामूहिक रूप से नमाज नहीं हुई और बाजारों में भी ईद की रौनक गायब रही।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने लोगों से अपील की थी कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वे सामाजिक दूरी के नियम का पालन करें और घर पर ही नमाज अदा करें। चामराजपेट स्थित ईदगाह मैदान पर हर साल ईद के मौके पर हुजूम उमड़ता था लेकिन सोमवार को सन्नाटा रहा। यहां पर पुलिस बल भी तैनात किया गया। सिटी मार्केट, शिवाजीनगर, मैसूरु रोड जैसे मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी हर वर्ष की तरह त्यौहार का उत्साह नहीं दिखा। शिवाजीनगर जैसी तमाम इलाकों में सोमवार को गलियों में सन्नाटा पसरा था।
बनशंकरी निवासी हिदायतउल्लाह बताते हैं कि परम्परागत तरीके से ईद नहीं मनाई गई लेकिन इस बात की खुशी है कि इस बार गरीबों की ज्यादा मदद कर पाए। उन्होंने कहा कि ईद में कोई चहल पहल नहीं, कोई रौनक नहीं। ऐसा लगता है कि कुछ खास चीज गायब है। लॉकडाउन के नियमों का पालन किया। रिश्तेदार भी नहीं आए। इस बार कपड़े नहीं खरीदे गए। हां, जरूरतमंदों की मदद की। प्रदेश के अन्य जिलों में भी लोगों ने घरों में रहकर ईद का त्यौहार मनाया।