scriptआठ बार नाकाम हुई थी सरकार गिराने की कोशिशें! | eight attempts were made to topple my government | Patrika News

आठ बार नाकाम हुई थी सरकार गिराने की कोशिशें!

locationबैंगलोरPublished: Nov 16, 2019 09:29:26 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

सिद्धरामय्या, डीके शिवकुमार और लक्ष्मी हेब्बालकर के कारण जारकीहोली ने सरकार गिराने की ठानी, फिर चर्चा ऑपरेशन कमल की

आठ बार नाकाम हुई थी सरकार गिराने की कोशिशें!

आठ बार नाकाम हुई थी सरकार गिराने की कोशिशें!

बेंगलूरु. छह महीने पहले एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस जद-एस गठबंधन सरकार जब विश्वासमत के लिए विधानसभा में पहुंची तब चौतरफा कथित ‘ऑपरेशन कमल’ की चर्चा थी। उपचुनावों से पहले फिर एक बार इसकी गूंज सुनाई दे रही है। कांग्रेस और जनता दल-एस से पाला बदल भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व विधायक खुद गठबंधन सरकार के पतन की कहानी बयां कर रहे हैं। भाजपा का दामन थामने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र गोकाक पहुंचे पूर्व विधायक रमेश जारकीहोली ने एक जनसभा की जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को ‘भ्रष्टÓ और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को ‘घमंडी’ बताया। लेकिन, उनके भाषण का सबसे रोचक पहलू वह था जिसमें वे लगभग स्वीकार कर रहे हैं कि सरकार गिराने का ख्याल कब उनके जेहन में आया। जारकीहोली बोले ‘जब 17 मई को बिड़दी स्थित एक निजी रिसोर्ट में सभी विधायकों को ले जाया गया तो वहां का माहौल घुटन भरा था। मुझे और आर.शंकर (रानीबेन्नूर के पूर्व विधायक) को वहां का माहौल अच्छा नहीं लगा। जिस तरह से डीके शिवकुमार के खेल में हमें प्यादे की तरह इस्तेमाल हो रहे थे और जिस तरह का व्यवहार विधायकों के साथ किया जा रहा था वह पसंद नहीं आया। तभी हमने सोचा कि इन दोनों नेताओं को सबक सीखाना जरूरी है।Ó रमेश जारकीहोली ने पार्टी छोडऩे की मुख्य वजह सिद्धरामय्या का रवैया बताया तो डीके शिवकुमार और बेलगावी की विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर को भी जिम्मेदार ठहराया। भले ही भाजपा नेता यह निरंतर कहते रहे कि गठबंधन सरकार गिराने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। लेकिन, जारकीहोली ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में एकजुट करने के लिए भावुक अपील करते हुए कहा कि वे बीएस येडियूरप्पा से मिले। ‘गठबंधन सरकार बनने के कुछ दिनों बाद ही मैं बेंगलूरु में येडियूरप्पा से मिला और कहा कि 17 और विधायकों को साथ लेकर आना चाहता हूं। येडियूरप्पा आश्वस्त नहीं हो सकते थे क्योंकि मैं 20 साल से कांग्रेस का वफादार सिपाही था। लेकिन, उन्होंने विश्वास किया।’ जारकीहोली ने प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी हैदराबाद में मिलकर अपनी योजना से अवगत कराने का दावा किया। गोकाक के पूर्व विधायक ने कहा कि बागी नेताओं को एकजुट कर बीएस येडियूरप्पा को मुख्यमंत्री बनाने की योजना थी लेकिन उनकी कोशिशें आठ बार नाकाम हुईं। येडियूरप्पा ने भी कहा कि ऐसा करना बुद्धिमानी नहीं होगी। उन्होंने कांग्रेस नहीं छोडऩे और पार्टी में बने रहने की भी सलाह दी। लेकिन, उन्होंने फैसला किया कि वे इसे करके दम लेंगे और सफल भी हुए। उन्होंने दावा किया कि पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार और बेलगावी की विधायक लक्ष्मी हेब्बालकर ने उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की। जारकीहोली ने कहा कि उनके भाई लखन ने भी उन्हें धोखा दिया है। उससे कहा था कि राजनीति में आने से पहले एक टर्म और इंतजार कर लो। लेकिन, संभवत: वह गोकाक से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेगा। जारकीहोली ने कहा ‘अब 5 दिसम्बर तक वह मेरा भाई नहीं, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं।’
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो